उभय शब्द रूप
उभय शब्द (दोनों ओर): उभय शब्द के अकारांत शब्द के शब्द रूप, उभय शब्द के अंत में “अ” की मात्रा का प्रयोग हुआ इसलिए यह अकारांत हैं। उभय शब्द के द्विवचन शब्द रूप नही होते हैं, उभय शब्द के शब्द रूप संस्कृत में सभी विभक्तियों एवं तीनों वचन में शब्द रूप आगे दिये गये हैं।
उभय पुल्लिङ्ग के शब्द रूप: Ubhay Pulling Shabd Roop in Sanskrit
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | उभयः | – | उभये |
द्वितीया | उभयम् | – | उभयान् |
तृतीया | उभयेन | – | उभयैः |
चतुर्थी | उभयस्मै | – | उभयेभ्यः |
पंचमी | उभयस्मात् | – | उभयेभ्यः |
षष्ठी | उभयस्य | – | उभयेषाम् |
सप्तमी | उभयस्मिन् | – | उभयेषु |
सम्बोधन | हे उभय ! | – | हे उभये ! |
उभय स्त्रीलिङ्ग के शब्द रूप: Ubhay Striling Shabd Roop in Sanskrit
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | उभया | – | उभयाः |
द्वितीया | उभयाम् | – | उभयाः |
तृतीया | उभयया | -0 | उभयाभिः |
चतुर्थी | उभयस्यै | – | उभयाभ्यः |
पंचमी | उभयस्याः | – | उभयाभ्यः |
षष्ठी | उभयस्याः | – | उभयासाम् |
सप्तमी | उभयस्याम् | – | उभयासु |
सम्बोधन | हे उभया | – | हे उभयाः |
उभय क्लिवलिङ्ग के शब्द रूप: Ubhay Napunsak Ling Shabd Roop in Sanskrit
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | उभयम् | – | उभयाणि |
द्वितीया | उभयम् | – | उभयाणि |
तृतीया | उभयेण | – | उभयैः |
चतुर्थी | उभयस्मै | – | उभयेभ्यः |
पंचमी | उभयस्मात् | – | उभयेभ्यः |
षष्ठी | उभयस्य | – | उभयेषाम् |
सप्तमी | उभयस्मिन् | – | उभयेषु |
सम्बोधन | हे उभये | – | हे उभये |
उभय शब्द का अर्थ
उभय शब्द का अर्थ दोनों ओर, दोनों होता है। उभय शब्द अकारांत शब्द है इसका मतलब भी “दोनों ओर, दोनों ” होता है।
सर्वनाम संज्ञा शब्द किसे कहते हैं?
सर्वनाम संज्ञा शब्द वे शब्द होते हैं जिनका प्रयोग किसी संज्ञा के स्थान पर किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो, सर्वनाम किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव, या विचार का नाम बताने के बजाय उसका संकेत देते हैं।
संस्कृत-व्याकरण में प्रमुख सर्वनाम शब्द हैं, जैसे- अदस्, अन्य, इतर, इदम्, ईदृश्, उभ, उभय, एतद्, किम्, कतिपय, तद्, भवत्, यद्, युष्मद्, सर्व आदि।
शब्द रूप किसे कहते हैं?
जैसा कि हम उच्चारण से समझ सकते हैं शब्द रूप अर्थात एक शब्द के विभिन्न रूप होते हैं। शब्द रूप की परिभाषा यह है कि शब्द के विभिन्न विभक्तियों में होने वाले परिवर्तन को शब्द रूप कहते हैं। शब्द रूप व्याकरण का एक महत्वपूर्ण विषय है, इसे याद करने से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि किसी शब्द का प्रयोग विभक्ति और वचन के अनुसार किस प्रकार किया जाता है।
शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?
शब्द रूपों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है-
- विकारी शब्द रूप: विकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप बदलते हैं।
- अविकारी शब्द रूप: अविकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप नहीं बदलते हैं।
महत्वपूर्ण शब्द रूप सूची: शब्द रूपों की सूची, संस्कृत व्याकरण
- स्वरान्त शब्द रूप : लता शब्द रूप, मुनि शब्द रूप, पति शब्द रूप, भूपति शब्द रूप, नदी शब्द रूप, भानु शब्द रूप, धेनु शब्द रूप, मधु शब्द रूप, पितृ शब्द रूप, मातृ शब्द रूप, गो शब्द रूप, नौ शब्द रूप और अक्षि शब्द रूप।
- व्यञ्जनान्त शब्द रूप : राजन् शब्द रूप, भवत् शब्द रूप, आत्मन् शब्द रूप, विद्वस् शब्द रूप, चन्द्रमस् शब्द रूप, वाच शब्द रूप, गच्छत् शब्द रूप, पुम् शब्द रूप, पथिन् शब्द रूप, गिर् शब्द रूप, अहन् शब्द रूप और पयस् शब्द रूप।
- सर्वनाम शब्द रूप : सर्व शब्द रूप, यत् शब्द रूप, तत् शब्द रूप, एतत् शब्द रूप, किम् शब्द रूप, इदम् शब्द रूप (सभी लिङ्गों में), अस्मद् शब्द रूप, युष्मद शब्द रूप, अदस् शब्द रूप, ईदृश शब्द रूप, कतिपय शब्द रूप, उभ शब्द रूप और कीदृश शब्द रूप।
- संख्याशब्द शब्द रूप : एक शब्द रूप, द्वि शब्द रूप, त्रि शब्द रूप, चतुर् शब्द रूप, पञ्चन् शब्द रूप आदि।
और अधिक शब्द रूप पढिए: Balak shabd roop, Lata shabd roop, Asmad shabd roop, Nadi shabd roop, Ram shabd roop, Balika shabd roop, Kim shabd roop आदि।