
बालक शब्द के रूप
बालक शब्द: अकारांत पुल्लिंग संज्ञा, बालक शब्द अजन्त (अकारांत) पुल्लिंग संज्ञा शब्द है। सभी पुल्लिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनाते है जैसे- देव, राम, गज, वृक्ष, सुर, मानव, अश्व, दिवस, ब्राह्मण, छात्र, सूर्य, शिष्य, लोक, ईश्वर आदि।
बालक के रूप: Balak ke Shabd Roop in Sanskrit
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | बालकः | बालकौ | बालकाः |
द्वितीया | बालकम् | बालकौ | बालकान् |
तृतीया | बालकेन् | बालकेभ्याम् | बालकै: |
चतुर्थी | बालकाय | बालकेभ्याम् | बालकेभ्य: |
पंचमी | बालकात् | बालकेभ्याम् | बालकेभ्य: |
षष्ठी | बालकस्य | बालकयो: | बालकानाम् |
सप्तमी | बालके | बालकयो: | बालकेषु |
संबोधन | हे बालक! | हे बालकौ! | हे बालका! |
शब्द रूप किसे कहते हैं?
शब्द रूप का तात्पर्य एक शब्द के विभिन्न रूपों से है। किसी शब्द में विभक्ति और वचन के आधार पर जो परिवर्तन होता है, उसे “शब्द रूप” कहा जाता है। यह व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो यह बताने में सहायता करता है कि किसी शब्द का प्रयोग वाक्य में किस प्रकार और किस रूप में किया जाना चाहिए।
उदाहरण के लिए: संज्ञा शब्द “बालक के शब्द रूप” अलग-अलग विभक्तियों और वचनों (एकवचन, द्विवचन, बहुवचन) के अनुसार बदलते हैं, जैसे:
- प्रथमा: बालकः, बालकौ, बालकाः
- द्वितीया: बालकम्, बालकौ, बालकान्
शब्द रूप याद करने से संस्कृत भाषा को सही ढंग से समझने और उपयोग करने में मदद मिलती है।
Balak Shabd Roop हिंदी अर्थ के साथ
यदि आप संस्कृत की शुरुआत कर रहे हैं, तो “बालक” शब्द के रूपों को समझना ही नहीं, बल्कि उनके हिंदी अर्थ जानना भी जरूरी है। इससे आप वाक्य में इनका सही उपयोग कर सकेंगे और उनके अर्थ को बेहतर ढंग से समझ पाएंगे। नीचे “बालक” शब्द रूप हिंदी अर्थ सहित प्रस्तुत किया गया है।
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | बालकः (बालक, बालक ने) | बालकौ (दो बालकों, दो बालकों ने) | बालकाः (अनेक बालकों, अनेक बालकों ने) |
द्वितीया | बालकम् (बालक को) | बालकौ (दो बालकों को) | बालकान् (अनेक बालकों को) |
तृतीया | बालकेन (बालक से, बालक के द्वारा) | बालकाभ्याम् (दो बालकों से, दो बालकों के द्वारा) | बालकैः (अनेक बालकों से, अनेक बालकों के द्वारा) |
चतुर्थी | बालकाय (बालक को, बालक के लिए) | बालकाभ्याम् (दो बालकों को, दो बालकों के लिए) | बालकेभ्यः (अनेक बालकों को, अनेक बालकों के लिए) |
पंचमी | बालकात्/बालकाद् (बालक से) | बालकाभ्याम् (दो बालकों से) | बालकेभ्यः (अनेक बालकों से) |
षष्ठी | बालकस्य (बालक का, बालक के, बालक की) | बालकयोः (दो बालकों का, दो बालकों के, दो बालकों की) | बालकानाम् (अनेक बालकों का, अनेक बालकों के, अनेक बालकों की) |
सप्तमी | बालके (बालक में, बालक पर) | बालकयोः (दो बालकों में, दो बालकों पर) | बालकेषु (अनेक बालकों में, अनेक बालकों पर) |
सम्बोधन | हे बालक! (हे बालक!) | हे बालकौ! (हे दो बालकों!) | हे बालकाः! (हे अनेक बालकों!) |
बालक शब्द रूप को याद करने का तरीका
“बालक” शब्द रूप या किसी अन्य अकारांत पुल्लिंग शब्द को आसानी से याद करने के लिए, इसे व्यवस्थित रूप से समझना और अभ्यास करना बेहद उपयोगी है। इसे याद करने का सरल तरीका निम्नलिखित है:
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
प्रथमा | : | औ | आः |
द्वितीया | म् | औ | आन् |
तृतीया | येन | भ्याम् | ऐः |
चतुर्थी | आय | भ्याम् | एभ्यः |
पंचमी | आत् | भ्याम् | एभ्यः |
षष्ठी | स्य | योः | आनाम् |
सप्तमी | े | योः | एषु |
सम्बोधन | हे बालक! | हे बालकौ! | हे बालकाः! |
ऊपर दी गई तालिका के अनुसार, आप शब्द के अंत में दिए गए प्रत्यय जोड़कर उसके शब्द रूप बना सकते हैं। यदि आप बालक शब्द रूप को लंबे समय तक याद रखना चाहते हैं, तो नियमित रूप से लिखने का अभ्यास करना अनिवार्य है।
बालक शब्द से बनने वाले 5 वाक्य (संस्कृत में) और उनके हिंदी अर्थ:
- संस्कृत वाक्य: बालकः विद्यालयं गच्छति।
हिंदी अर्थ: बालक विद्यालय जाता है। - संस्कृत वाक्य: बालकः पाठयति पुस्तकं।
हिंदी अर्थ: बालक पुस्तक पढ़ता है। - संस्कृत वाक्य: बालकाः क्रीडायाम् रमन्ते।
हिंदी अर्थ: बालक खेल में आनंदित होते हैं। - संस्कृत वाक्य: बालकः मातरं पृच्छति।
हिंदी अर्थ: बालक अपनी माँ से पूछता है। - संस्कृत वाक्य: बालकः अपि सज्जनः अस्ति।
हिंदी अर्थ: बालक भी एक अच्छा व्यक्ति है।
अकारांत पुल्लिंग संज्ञाओ के शब्द रूप
- देव (देवता) के शब्द रूप
- राम शब्द के रूप
- बालक शब्द के रूप
- वृक्ष शब्द के रूप
- सूर्य के शब्द रूप
- सुर शब्द के रूप
- असुर शब्द के रूप
- मानव के शब्द रूप
- अश्व के शब्द रूप
- गज के शब्द रूप
- ब्राह्मण के शब्द रूप
- क्षत्रिय के शब्द रूप
- शूद्र के शब्द रूप
- भक्त के शब्द रूप
- छात्र के शब्द रूप
- शिष्य के शब्द रूप
- दिवस के शब्द रूप
- लोक के शब्द रूप
- ईश्वर के शब्द रूप
महत्वपूर्ण शब्द रूप सूची, संस्कृत व्याकरण:
स्वरान्त शब्द रूप: लता शब्द रूप, मुनि शब्द रूप, पति शब्द रूप, भूपति शब्द रूप, नदी शब्द रूप, भानु शब्द रूप, धेनु शब्द रूप, मधु शब्द रूप, पितृ शब्द रूप, मातृ शब्द रूप, गो शब्द रूप, नौ शब्द रूप और अक्षि शब्द रूप।
व्यञ्जनान्त शब्द रूप: राजन् शब्द रूप, भवत् शब्द रूप, आत्मन् शब्द रूप, विद्वस् शब्द रूप, चन्द्रमस् शब्द रूप, वाच शब्द रूप, गच्छत् शब्द रूप, पुम् शब्द रूप, पथिन् शब्द रूप, गिर् शब्द रूप, अहन् शब्द रूप और पयस् शब्द रूप।
सर्वनाम शब्द रूप: सर्व शब्द रूप, यत् शब्द रूप, तत् शब्द रूप, एतत् शब्द रूप, किम् शब्द रूप, इदम् शब्द रूप (सभी लिङ्गों में), अस्मद् शब्द रूप, युष्मद शब्द रूप, अदस् शब्द रूप, ईदृश शब्द रूप, कतिपय शब्द रूप, उभ शब्द रूप और कीदृश शब्द रूप।
संख्या शब्द रूप: एक शब्द रूप, द्वि शब्द रूप, त्रि शब्द रूप, चतुर् शब्द रूप, पञ्चन् शब्द रूप आदि।
और अधिक शब्द रूप पढिए: Balak shabd roop, Lata shabd roop, Asmad shabd roop, Nadi shabd roop, Ram shabd roop, Balika shabd roop, Kim shabd roop आदि।