तादृश् शब्द के रूप
तादृश् शब्द (वैसा, उसके समान): तादृश् (वैसा) शब्द शकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञा शब्द है। सभी शकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनते हैं, जैसे- कीदृश्, नश्, विश् आदि। तादृश् शब्द के रूप संस्कृत में सभी विभक्तियों एवं वचनों में नीचे दिए गए हैं।
तादृश् पुल्लिङ्ग् के शब्द रूप: Tadrash Pulling Shabd Roop
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | तादृक् ग् | तादृशौ | तादृशः |
द्वितीया | तादृशम् | तादृशौ | तादृशः |
तृतीया | तादृशा | तादृग्भ्याम् | तादृग्भिः |
चतुर्थी | तादृशे | तादृग्भ्याम् | तादृग्भ्यः |
पंचमी | तादृशः | तादृग्भ्याम् | तादृग्भ्यः |
षष्ठी | तादृशः | तादृशोः | तादृषाम् |
सप्तमी | तादृशि | तादृशोः | तादृक्षु |
सम्बोधन | हे तादृक् ग् ! | हे तादृशौ ! | हे तादृशः ! |
तादृश् क्लिवलिङ्ग के शब्द रूप: Tadrash Napunsak Ling Shabd Roop
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | तादृक् | तादृशी | तादृंशि |
द्वितीया | तादृक् | तादृशी | तादृंशि |
तृतीया | तादृशा | तादृग्भ्याम् | तादृग्भिः |
चतुर्थी | तादृशे | तादृग्भ्याम् | तादृग्भ्यः |
पंचमी | तादृशः | तादृग्भ्याम् | तादृग्भ्यः |
षष्ठी | तादृशः | तादृशोः | तादृषाम् |
सप्तमी | तादृशि | तादृशोः | तादृक्षु |
सम्बोधन | हे तादृक् ! | हे तादृशी ! | हे तादृंशि ! |
तादृश् शब्द का अर्थ
तादृश् शब्द का अर्थ उसके समान, वैसा होता है। तादृश् शब्द शकारान्त शब्द है इसका मतलब भी “उसके समान, वैसा” होता है।
सर्वनाम संज्ञा शब्द किसे कहते हैं?
सर्वनाम संज्ञा शब्द वे शब्द होते हैं जिनका प्रयोग किसी संज्ञा के स्थान पर किया जाता है। दूसरे शब्दों में कहें तो, सर्वनाम किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव, या विचार का नाम बताने के बजाय उसका संकेत देते हैं।
संस्कृत-व्याकरण में प्रमुख सर्वनाम शब्द हैं, जैसे- अदस्, अन्य, इतर, इदम्, ईदृश्, उभ, उभय, एतद्, किम्, कतिपय, तद्, भवत्, यद्, युष्मद्, सर्व आदि।
शब्द रूप किसे कहते हैं?
जैसा कि हम उच्चारण से समझ सकते हैं शब्द रूप अर्थात एक शब्द के विभिन्न रूप होते हैं। शब्द रूप की परिभाषा यह है कि शब्द के विभिन्न विभक्तियों में होने वाले परिवर्तन को शब्द रूप कहते हैं। शब्द रूप व्याकरण का एक महत्वपूर्ण विषय है, इसे याद करने से हमें यह जानने में मदद मिलती है कि किसी शब्द का प्रयोग विभक्ति और वचन के अनुसार किस प्रकार किया जाता है।
शब्द रूप को कितने भागों में बांटा गया है?
शब्द रूपों को मुख्य रूप से दो भागों में बांटा जा सकता है-
- विकारी शब्द रूप: विकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप बदलते हैं।
- अविकारी शब्द रूप: अविकारी शब्द रूप वे शब्द हैं जो विभक्तियों के अनुसार अपना रूप नहीं बदलते हैं।
महत्वपूर्ण शब्द रूप सूची: शब्द रूपों की सूची, संस्कृत व्याकरण
- स्वरान्त शब्द रूप : लता शब्द रूप, मुनि शब्द रूप, पति शब्द रूप, भूपति शब्द रूप, नदी शब्द रूप, भानु शब्द रूप, धेनु शब्द रूप, मधु शब्द रूप, पितृ शब्द रूप, मातृ शब्द रूप, गो शब्द रूप, नौ शब्द रूप और अक्षि शब्द रूप।
- व्यञ्जनान्त शब्द रूप : राजन् शब्द रूप, भवत् शब्द रूप, आत्मन् शब्द रूप, विद्वस् शब्द रूप, चन्द्रमस् शब्द रूप, वाच शब्द रूप, गच्छत् शब्द रूप, पुम् शब्द रूप, पथिन् शब्द रूप, गिर् शब्द रूप, अहन् शब्द रूप और पयस् शब्द रूप।
- सर्वनाम शब्द रूप : सर्व शब्द रूप, यत् शब्द रूप, तत् शब्द रूप, एतत् शब्द रूप, किम् शब्द रूप, इदम् शब्द रूप (सभी लिङ्गों में), अस्मद् शब्द रूप, युष्मद शब्द रूप, अदस् शब्द रूप, ईदृश शब्द रूप, कतिपय शब्द रूप, उभ शब्द रूप और कीदृश शब्द रूप।
- संख्याशब्द शब्द रूप : एक शब्द रूप, द्वि शब्द रूप, त्रि शब्द रूप, चतुर् शब्द रूप, पञ्चन् शब्द रूप आदि।
और अधिक शब्द रूप पढिए: Balak shabd roop, Lata shabd roop, Asmad shabd roop, Nadi shabd roop, Ram shabd roop, Balika shabd roop, Kim shabd roop आदि।