अष्टन् (आठ) शब्द रूप
अष्टन् (आठ) शब्द: बहुवचन संख्यावाची शब्द, अष्टन् के रूप बहुवचन में प्रथमा विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक होते हैं। एकवचन तथा द्विवचन में रूप नहीं होते हैं। अष्टन् के शब्द रूप रूप तीनों लिंगों (पुल्लिङ्ग्, स्त्रीलिङ्ग, नपुंसकलिंङ्ग्) में समान होते हैं।
अष्टन् (आठ) के शब्द रूप, संख्यावाची: Ashtan, Aath Shabd Roop in Sanskrit
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन (पुल्लिंग, स्त्रीलिंग, नपुंसकलिंग) |
---|---|---|---|
प्रथमा | – | – | अष्टौ/अष्ट |
द्वितीया | – | – | अष्टौ/अष्ट |
तृतीया | – | – | अष्टमि:/अष्टाभि: |
चतुर्थी | – | – | अष्टभ्य:/अष्टाभ्य: |
पंचमी | – | – | अष्टभ्य:/अष्टाभ्य: |
षष्ठी | – | – | अष्टानाम् |
सप्तमी | – | – | अष्टसु/अष्टासु |
संख्या वाचक शब्द रूप के महत्वपूर्ण तथ्य:
- सात (7) और नौ (9) से लेकर अठारह (18) तक के सभी शब्द रूप वहुवचन में होते हैं और तीनों लिंगों में समान रहते हैं। इन शब्दों के रूप पांच (5) के शब्द रूप के समान होते हैं।
- उन्नीस (19) से निन्यानवे (99) तक के शब्द रूप एकवचन और स्त्रीलिंग में होते हैं।
- इक्कीस (21) से अठ्ठाइस (28) तक के शब्द रूप मति शब्द के समान बनाए जाते हैं।
- उन्तीस (29) से अठ्ठावन (58) तक के शब्द रूप भूभृत् शब्द के अनुरूप होते हैं।
- उनसठ (59) से निन्यानवे (99) तक के शब्दों के रूप मति शब्द के समान होते हैं।
- सौ (100), हजार (1000), लाख (100000) आदि के शब्द रूप सामान्यतः एकवचन और नपुंसकलिंग में होते हैं। इनका स्वरूप फल शब्द के समान होता है।
शब्द रूप किसे कहते हैं?
शब्द रूप का तात्पर्य एक शब्द के विभिन्न रूपों से है। किसी शब्द में विभक्ति और वचन के आधार पर जो परिवर्तन होता है, उसे “शब्द रूप” कहा जाता है। यह व्याकरण का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो यह बताने में सहायता करता है कि किसी शब्द का प्रयोग वाक्य में किस प्रकार और किस रूप में किया जाना चाहिए।
उदाहरण के लिए: संज्ञा शब्द “बालक के शब्द रूप” अलग-अलग विभक्तियों और वचनों (एकवचन, द्विवचन, बहुवचन) के अनुसार बदलते हैं, जैसे:
- प्रथमा: बालकः, बालकौ, बालकाः
- द्वितीया: बालकम्, बालकौ, बालकान्
शब्द रूप याद करने से संस्कृत भाषा को सही ढंग से समझने और उपयोग करने में मदद मिलती है। यदि आप स्वयं किसी शब्द के एक रूप को देखकर उसका दूसरा रूप बनाने का प्रयास करेंगे, तो आपको शब्दों के रूप जल्दी से याद हो जाएंगे। यही है शब्द रूप याद रखने की एक प्रभावी तकनीक। केवल एकवचन के शब्द रूप अक्सर भ्रम पैदा करते हैं और इन्हें भूलने का डर बना रहता है। इसके अलावा, परीक्षाओं में अक्सर एकवचन शब्द रूप ही पूछे जाते हैं।
महत्वपूर्ण शब्द रूप सूची, संस्कृत व्याकरण: शब्द रूप के प्रकार
1. स्वरान्त शब्द रूप: लता शब्द रूप, मुनि शब्द रूप, पति शब्द रूप, भूपति शब्द रूप, नदी शब्द रूप, भानु शब्द रूप, धेनु शब्द रूप, मधु शब्द रूप, पितृ शब्द रूप, मातृ शब्द रूप, गो शब्द रूप, नौ शब्द रूप और अक्षि शब्द रूप।
2. व्यञ्जनान्त शब्द रूप: राजन् शब्द रूप, भवत् शब्द रूप, आत्मन् शब्द रूप, विद्वस् शब्द रूप, चन्द्रमस् शब्द रूप, वाच शब्द रूप, गच्छत् शब्द रूप, पुम् शब्द रूप, पथिन् शब्द रूप, गिर् शब्द रूप, अहन् शब्द रूप और पयस् शब्द रूप।
3. सर्वनाम शब्द रूप: सर्व शब्द रूप, यत् शब्द रूप, तत् शब्द रूप, एतत् शब्द रूप, किम् शब्द रूप, इदम् शब्द रूप (सभी लिङ्गों में), अस्मद् शब्द रूप, युष्मद शब्द रूप, अदस् शब्द रूप, ईदृश शब्द रूप, कतिपय शब्द रूप, उभ शब्द रूप और कीदृश शब्द रूप।
4. संख्या शब्द रूप: एक शब्द रूप, द्वि शब्द रूप, त्रि शब्द रूप, चतुर् शब्द रूप, पञ्चन् शब्द रूप आदि।
और अधिक शब्द रूप पढिए: Balak shabd roop, Lata shabd roop, Asmad shabd roop, Nadi shabd roop, Ram shabd roop, Balika shabd roop, Kim shabd roop आदि।