अवधि शब्द रूप
अवधि (Time Period) शब्द : इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा, सभी इकारान्त पुल्लिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है। उदाहरण के लिए: पति, सखि, हरि, भूपति, अग्नि, अतिथि, अरि, ऋषि, कपि, गिरि, तिथि, जलधि, पाणि, बलि, मुनि, रवि, रश्मि, राशि, विधि, सन्धि आदि।
अवधि के रूप (Awadhi Shabd Roop in Sanskrit):
विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
---|---|---|---|
प्रथमा | अवधिः | अवधी | अवधयः |
द्वितीया | अवधिम् | अवधी | अवधीन् |
तृतीया | अवधिना | अवधिभ्याम् | अवधिभिः |
चतुर्थी | अवधये | अवधिभ्याम् | अवधिभ्यः |
पंचमी | अवधेः | अवधिभ्याम् | अवधिभ्यः |
षष्ठी | अवधेः | अवध्योः | अवधीनाम् |
सप्तमी | अवधौ | अवध्योः | अवधिषु |
सम्बोधन | हे अवधे ! | हे अवधी ! | हे अवधयः ! |
शब्द रूप किसे कहते हैं?
शब्द रूप व्याकरण में किसी शब्द के विभक्ति और वचन के अनुसार होने वाले रूपांतर को कहते हैं। संस्कृत, हिंदी और अन्य भाषाओं में संज्ञा, सर्वनाम, और विशेषण के रूप बदलते हैं, जो उनके शब्द रूप विभक्ति (कारक) और वचन (एकवचन, द्विवचन, बहुवचन) के आधार पर निर्धारित होते हैं।
उदाहरण के लिए: संज्ञा शब्द “बालक के शब्द रूप” अलग-अलग विभक्तियों और वचनों (एकवचन, द्विवचन, बहुवचन) के अनुसार बदलते हैं, जैसे:
- प्रथमा: बालकः, बालकौ, बालकाः
- द्वितीया: बालकम्, बालकौ, बालकान्
इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्द किसे कहते हैं?
इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्द वे शब्द होते हैं जिनके अंत में “ई” स्वर आता है और जो पुल्लिंग (पुरुषलिंग) होते हैं। इस प्रकार के शब्दों का रूप परिवर्तन (विभक्ति) भी इनके “ई” स्वर के आधार पर किया जाता है। उदाहरण के लिए: पति, सखि, हरि, भूपति, अग्नि, अतिथि, अरि, ऋषि, कपि, गिरि, तिथि, जलधि, पाणि, बलि, मुनि, रवि, रश्मि, राशि, विधि, सन्धि आदि।
विशेषताएँ:
- “ई” के कारण इन शब्दों का रूप परिवर्तन (विभक्ति) संज्ञा के लिंग और वचन के आधार पर होता है।
- संस्कृत में यह रूप हर इकारांत पुल्लिंग संज्ञा पर लागू होता है, जैसे पति, सखि, हरि इत्यादि।
अवधि शब्द रूप पर संस्कृत वाक्य हिन्दी अर्थ सहित
- प्रथमा (कर्ता):
संस्कृत: अवधिः अध्ययनाय निश्चितः।
हिंदी: अवधि अध्ययन के लिए निश्चित की गई है। - द्वितीया (कर्म):
संस्कृत: शिक्षकः अवधिम् विस्तारितवान्।
हिंदी: शिक्षक ने अवधि को बढ़ाया। - तृतीया (करण):
संस्कृत: अवधि्या कार्याणि समाप्तानि।
हिंदी: अवधि के द्वारा कार्य पूरे हुए। - चतुर्थी (सम्प्रदान):
संस्कृत: छात्राय अवधिyai अवसरः दत्तः।
हिंदी: छात्र को अवधि के लिए अवसर दिया गया। - पंचमी (अपादान):
संस्कृत: कालात् अवधि्या भिन्नता अस्ति।
हिंदी: समय से अवधि की भिन्नता है। - षष्ठी (सम्बन्ध):
संस्कृत: अवधि्याः सीमा अतीता।
हिंदी: अवधि की सीमा पार हो गई। - सप्तमी (अधिकारण):
संस्कृत: अवधि्याम् कार्यं समाप्तं भवति।
हिंदी: अवधि में कार्य पूरा होता है। - संबोधन (आह्वान):
संस्कृत: हे अवधि! मां सहाय्यं कुरु।
हिंदी: हे अवधि! मेरी सहायता करो।
शब्द रूप याद करने के लिए सबसे पहले विभक्तियों (प्रथमा से सम्बोधन तक) और वचनों (एकवचन, द्विवचन, बहुवचन) का क्रम अच्छी तरह समझ लें। किसी शब्द को चार्ट के रूप में लिखकर बार-बार दोहराएं, जिससे उसकी संरचना स्पष्ट हो जाए। इसे वाक्यों में प्रयोग करें, जैसे “रामः वनं गच्छति” (प्रथमा) या “रामं नमामि” (द्वितीया), ताकि याद करने में मदद मिले। शब्दों को उनके लिंग और अंत (अकारांत, इकारांत) के आधार पर समूह बनाकर अध्ययन करें। नियमित अभ्यास, स्मरण और छोटे-छोटे हिस्सों में अध्ययन करना सबसे प्रभावी तरीका है। यदि संभव हो, इसे गाने या कविता की तरह रटें, जिससे याद करना सरल हो जाए।
महत्वपूर्ण शब्द रूप सूची, संस्कृत व्याकरण: शब्द रूप के प्रकार
1. स्वरान्त शब्द रूप: लता शब्द रूप, मुनि शब्द रूप, पति शब्द रूप, भूपति शब्द रूप, नदी शब्द रूप, भानु शब्द रूप, धेनु शब्द रूप, मधु शब्द रूप, पितृ शब्द रूप, मातृ शब्द रूप, गो शब्द रूप, नौ शब्द रूप और अक्षि शब्द रूप।
2. व्यञ्जनान्त शब्द रूप: राजन् शब्द रूप, भवत् शब्द रूप, आत्मन् शब्द रूप, विद्वस् शब्द रूप, चन्द्रमस् शब्द रूप, वाच शब्द रूप, गच्छत् शब्द रूप, पुम् शब्द रूप, पथिन् शब्द रूप, गिर् शब्द रूप, अहन् शब्द रूप और पयस् शब्द रूप।
3. सर्वनाम शब्द रूप: सर्व शब्द रूप, यत् शब्द रूप, तत् शब्द रूप, एतत् शब्द रूप, किम् शब्द रूप, इदम् शब्द रूप (सभी लिङ्गों में), अस्मद् शब्द रूप, युष्मद शब्द रूप, अदस् शब्द रूप, ईदृश शब्द रूप, कतिपय शब्द रूप, उभ शब्द रूप और कीदृश शब्द रूप।
4. संख्या शब्द रूप: एक शब्द रूप, द्वि शब्द रूप, त्रि शब्द रूप, चतुर् शब्द रूप, पञ्चन् शब्द रूप आदि।
और अधिक शब्द रूप पढिए: Balak shabd roop, Lata shabd roop, Asmad shabd roop, Nadi shabd roop, Ram shabd roop, Balika shabd roop, Kim shabd roop आदि।