![Premika Aur Patni Mein Antar](https://s3.hinditutor.in/wp-content/uploads/Premika-Aur-Patni.png)
प्रेमिका पत्नी से बेहतर लगती है परंतु पत्नी में एक प्रेमिका समावेश है। प्रेमिका के संग सुख अल्पायु होता है परंतु पत्नी उसे दीर्घायु बनाती है। पति पत्नी एक ऐसा पवित्र सम्बंध है जिसमे विश्व के सारे सम्बंध निहित है।
प्रेमिका और पत्नी में वही अंतर होता हैं जो कि हिंदी संख्या तीन और छः का होता हैं क्योंकि इन दोनों संख्या के मुँह का दिशा एक दूसरे के विपरीत होता हैं।
- प्रेमिका और पत्नी नारी की दो अलग – अलग भिन्न प्रजातिया हैं।
- प्रेमिका अर्थात जो आपसे प्रेम करे या जिससे आप प्रेम करें, पत्नी का आपसे या आपका उससे प्रेम करना आवश्यक नहीं है।
- प्रेमिका आपको रिझा सकती है।पत्नी का आपको रिझाना आवश्यक नहीं ।
- प्रेमिका जगजाहिर नहीं भी होती है।पत्नी जग जाहिर होती है।
- प्रेमिका के प्रति आपको आकर्षण होता है। पत्नी के प्रति आकर्षण आवश्यक नहीं।
- प्रेमिका के साथ जुडाव मानसिक और शारीरक होता है, पत्नी के साथ सामजिक भी।
- प्रेमिका आपको कभी भी छोड़ सकती है, पत्नी को बहुत मेहनत करनी पड़ती है छोड़ने के लिये
- प्रेमिका अक्सर सुख की साथी होती है, पत्नी सुख दुख की।
- सामाजिक नीतियों के द्वारा पत्नी एक वैद्य जीवन साथी होती हैं जो कि प्रेमिका नहीं होती हैं।
- पत्नी के साथ सभी लोग सामाजिक जीवन खुले तौर पर जी सकते जबकि प्रेमिका के ऐसा नहीं हो सकता है।
- पत्नी के साथ जीवन जीते हुए सभी रिश्ते-नाते को बरकरार रखा जा सकता है जबकि प्रेमिका के साथ ऐसा नहीं हो सकता हैं।
- पत्नी दुःख और सुख दोनों की साथी होती हैं जबकि प्रेमिका सिर्फ सुख की साथी होती हैं।
- इस तरह से सभी क्षेत्रों में तुलना करने पर यह भी अटल सत्य है कि पत्नी एक संवैधानिक जीवन संगिनी हैं जो कि प्रेमिका नहीं है।
प्रेमिका में आपको अस्थिरता है, पत्नी में स्थिरता, प्रेमिका सामाजिक अनुमोदन नही पाती पत्नी पाती है, प्रेमिका आपके बच्चों की माँ नही किन्तु पत्नी होती है, आजकल का जो फैशन बन रहा बिना विवाह माता पिता बनना उसकी बात अलग. प्रेमिका आपकी होने वाली पत्नी है पत्नी आपकी हो चुकी प्रेमिका, प्रेमिका में नूतनता का अनुभव रहता है, पत्नी में इसका अभाव, प्रेमिका में नया कुछ होने की संभावना होती है, पत्नी में सब वही पुराना, प्रेमिका को पुरुष विद्वान नजर आता है पत्नी को मूर्ख, प्रेमिका पर अधिकार नही तो पत्नी जैसे गुलाम।
स्तिथियाँ अनेक है मूल में है पुरुष की अबोध और सुप्त मानसिकता. पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव यह फर्क देखता है वरना हमारी संस्कृति में प्रेमिका और पत्नी में फर्क नही था, रुक्मिणी पत्नी रूप में स्वीकृत थी और राधा प्रेमिका रूप में भी पूज्य हो गयी।
थोड़ा इन संबंधों पर विचार करें तो आजकल के परिप्रेक्ष्य में बड़े अटपटे से लगते है लेकिन संबंध तो प्रगाढ़ थे. संबंधों में मांग नही थी, अपेक्षा नही थी, मालकियत का भाव नही था, समपर्ण था, कुछ देने की अभिलाषा थी, प्रेम था पर प्रतिदान की स्पर्धा नही थी, संबंधों में खुलापन था, ईर्ष्या नही थी. तुलना भी नही थी, विशुद्ध प्रेम, संग साथ मिला तो ठीक वरना प्रेमी की याद में ही राजी. ये भाव इन संबंधों को अलौकिकता प्रदान कर दिए, सभी भागीदार लाभान्वित हुए।
दूसरी और देखें तो एक स्त्री के पति बने तो फिर एक के ही रहे, झंझटें जमाने ने कम पैदा नही की लेकिन आपस मे कोई झंझट नही थी, केवल प्रेम था, तेजस्वी, ज्वलन्त, यहां भी कोई मांग नही कोई अपेक्षा नही, कोई शिकायत नही, पास हैं तो राजी दूर हो गए तो दूर सही, प्रेम तो विद्दमान ही रहा, अतंतः श्री सीताराम हो गए।
![Premika Aur Patni Mein Antar](https://s3.hinditutor.in/wp-content/uploads/Patni.jpg)
1. अपनापन और प्यार
एक ही आदमी के दो स्वरूप तब सामने आते हैं, जब वो अपनी बीवी के साथ कुछ और होता है और गर्लफ्रेंड के साथ कुछ और। यही कारण होता है कि जब कोई लड़का अपनी गर्लफ्रेंड से शादी कर लेता है, तो शादी के बाद दोनों के बीच वो अपनापन और प्यार कहीं खो सा जाता है।
2. गर्लफ्रेंड के साथ सिगरेट पीना पसंद
वो गर्लफ्रेंड के साथ सिगरेट पीना पसंद करता है। जबकि उसे अपनी बीबी का धूम्रपान करना कतई पसंद नहीं होता है। शायद वो उसकी हेल्थ की केयर करने लगता है।
3. गर्लफ्रेंड के साथ पैग मारना पसंद
गर्लफ्रैंड के साथ एक पैग मारने में लड़के को बहुत मजा आता है जबकि बीबी अगर ऐसा करना चाहें तो उसे फटकार लग जाती है। यहां तककि वो ड्रिंक के बाद डर्टी बातें भी सिर्फ गर्लफ्रैंड के साथ ही करना पसंद करता है न कि बीबी के साथ।
4. गर्लफ्रेंड छोटे कपड़ों में हॉट लगती है
पुरूष को पसंद आता है कि उसकी गर्लफ्रैंड छोटे से छोटे कपड़े पहनें या न के बराबर पहनें। लेकिन अपनी बीबी को वो अकेले में भी ऐसे हाल में देखना पसंद नहीं करता है।3. गर्लफ्रेंड छोटे कपड़ों में हॉट लगती है
पुरूष को पसंद आता है कि उसकी गर्लफ्रैंड छोटे से छोटे कपड़े पहनें या न के बराबर पहनें। लेकिन अपनी बीबी को वो अकेले में भी ऐसे हाल में देखना पसंद नहीं करता है।
5. गर्लफ्रेंड की डांट में भी प्यार
लड़के, अपनी गर्लफ्रैंड की डांट में भी प्यार देख लेते हैं और उसे पसंद करते हैं लेकिन अगर बीवी कुछ कह दें तो उसे पसंद नहीं आता है।
![Premika Se Pyar](https://s3.hinditutor.in/wp-content/uploads/Premika.jpg)
6. बिस्तर पर
बिस्तर पर अगर पुरूष की जगह उसकी गर्लफ्रेंड पहल करे तो उसे अच्छा लगता है। लेकिन अगर बीबी ऐसा करें, तो उसे शक की निगाह से देखा जाने लगता है।
7. सेक्स
पुरूष, गर्लफ्रैंड के साथ बिस्तर पर कई पोजिशन में सेक्स करने की इच्छा रखता है लेकिन बीबी के साथ सिर्फ फार्मेलिटी की तरह सो जाता है।
8. गर्लफ्रेंड होनी चाहिये फैशनेबल
पुरूष, गर्लफ्रैंड को मेकअप और फैशनेबल कपड़ों में देखना पसंद करता है लेकिन अपनी बीबी को ऐसा करते देख उसे शक की निगाह से देखता है।
![Wife as a Durga Goddess](https://s3.hinditutor.in/wp-content/uploads/Wife-and-Lover.png)
हमारी संस्कृति में ऐसे हजारों उदारहण हैं जहां प्रेमिका पत्नी बनने की राह पर हो तो ही स्वीकृत अन्यथा वरीयता पत्नी को ही दी गयी, यदि पत्नी रहते प्रेम हो भी गया तो पत्नी को सबसे पहले बताया. संबंधों की गहराई ही संबंध को संबंध बनाती है, उथलापन, लालच तो अशोभनीय एवम तजाज्य है. कोई तुलना नही है, तुलना संभव और सराहनीय भी नही है. भूलिए इन बचकानी बातों को, प्रेम कीजिये, खूब कीजिये लेकिन किसी एक के साथ, बच्चों की तरह ये टॉफी वो टॉफ़ी करते रहना उन्ही को शोभा देता है।
प्रेमिका से पत्नी, पत्नी से माँ, माँ से जगदम्बा, ये यात्रा एक सतत यात्रा है जिसमे तुलना का कोई स्थान नही, स्त्री की इस यात्रा में पुरुष की भूमिका स्थायी सहचर की है, यही सहभागी यात्रा में उसको दायित्वय निभाना है, अटूट प्रेम का सम्बल देकर ऐसा पथ बनना है जिस पर पथिक और पथ साथ साथ चल एक साथ पहुँचते है, जहाँ पथ और पथिक परिपूरक हैं।