इत्यादि संस्कृत के इति और आदि से मिल कर बना है । इति माने अंत और आदि का अर्थ आरम्भ होता है । इसलिए इत्यादि का अर्थ समस्त हो गया जैसे A से Z कहते हैं । आदि इसका छोटा रूप है जो ज्यादा प्रचलित है।
डॉ. वासुदेवनंदन प्रसाद की पुस्तक आधुनिक हिन्दी व्याकरण और रचना में इत्यादि और आदि का प्रयोग बताया गया है , जिसमें एक या दो उदाहरणों के बाद आदि का प्रयोग व इससे ज्यादा उदाहरणों के बाद इत्यादि का प्रयोग करने को कहा गया है। पर अब आदि शब्द छोटा होने से सब जगह प्रयोग होने लगा है ।
- इत्यादि का मतलब है etcetera, and so on, and so forth
- उर्दू में इसे वगैरह कहते हैं
आदि के दो अर्थ होते हैं-
- एक है, इत्यादि, और दूसरा है प्रारंभिक, शुरुआती, प्राचीन काल से, पूर्वकालीन .