प्रेम एक भावना है जो मनुष्य के हृदय में रहती है इसे आलंबन की आवश्यकता नहीं है। मित्रता के लिए हमेशा ही किसी आलंबन की आवश्यकता होती है। किसी मित्र... Read More !
आवश्यकता और लालच– आवश्यकता का अर्थ जरूरत से लिया जा सकता है। जीवित और खुश रहने के लिए जितने संसाधनों की जरूरत एक मनुष्य को पड़ती है, उसे आवश्यकता कहते... Read More !
प्रेमिका पत्नी से बेहतर लगती है परंतु पत्नी में एक प्रेमिका समावेश है। प्रेमिका के संग सुख अल्पायु होता है परंतु पत्नी उसे दीर्घायु बनाती है। पति पत्नी एक ऐसा... Read More !
प्यार और आकर्षण को समझने के लिए हमें मोह को भी समझना पड़ेगा क्योंकि मोह को समझे बिना प्यार और आकर्षण को समझा नहीं जा सकता। इसलिए आज हम तीनों... Read More !
चिंता हमको जला देती है परंतु चिंतन हमको प्रज्वलित कर देता है। चिंता हमको कोई समाधान नहीं प्रदान करती बल्कि समस्या ही देती है। चिंतन समस्याओं का समाधान प्रदान करता... Read More !
जरूरत और चाहत में जमीं-आसमां का फ़र्क है। और जिसने इस अंतर को समझ लिया, समझिये उसने अपनी चेतना के उद्विकास का अगला आयाम छू लिया। जरूरत का संबंध शरीर... Read More !
परमात्मा सागर है और आत्मा उसकी एक बूंद। बूंद सागर नहीं है पर, सागर की बूंद मे भी वही स्वाद है जो सागर मे है। और सागर मे गिरकर बूंद,... Read More !