Classical dance style and related artists
शास्त्रीय नृत्य शैली और सम्बन्धित कलाकार
भरतनाट्यम (तमिलनाडु)
यामिनी कृष्णमूर्ति (स्व.), रुक्मिणी देवी अरुण्डेल, एम. के. सरोज, इ. कृष्ण अय्यर, टी. बाला सरस्वती, सोनल मानसिंह, स्वप्न सुंदरी, पद्मा सुब्रमण्यम, पूर्णिमा मजूमदार, लीला सैम्सन, रोहिण्टन कामा, मालविका सारुक्वाई, सी. जयश्री, मृणालिनी साराभाई, वैजयन्तीमाला बाली, कुमारी कमला, कविता श्रीधरानी, वर्धन, हेमा मालिनी, इन्दिरा प्रियदर्शिनी, चन्द्रलेखा, रीथा देवी। (लोकनृत्य और लोकगीत)
कथकली (केरल)
बल्लथोल नारायण मेनन, कृष्णन कुट्टी, माधवन, आनन्द, शिवरामन, उदय शंकर, रामगोपाल, मृणालिनी साराभाई, शांताराव, रुक्मिणी देवी। (लोक कला)
कत्थक (उत्तर प्रदेश)
कलाकार: मालविका सरकार, सितारा देवी, गोपीकृष्ण, दमयंती जोशी, कुमुदनी लखिया, उमा शर्मा, भारती गुप्ता, मालविका मित्रा, बिरजू महाराज, शोभना नारायण, चन्द्रलेखा, लच्छू महाराज।
कत्थक शिक्षक: मेनका, कार्ल खण्डेलवाल, मनीषी डे, विष्णु शिरोडकर, रामचन्दर गांगुली।
कुचिपुड़ी (आन्ध्र प्रदेश)
ममिनी कृष्णामूर्ति, स्वप्न सुन्दरी, राजा रेड्डी, लक्ष्मी नारायण शास्त्री, सुधा शेखर, चिन्ता कृष्णमूर्ति, तेम्पति सत्यनारायण शर्मा, वी. चित्रा सत्यम (प्रशिक्षक)।
ओडिसी (ओडिशा)
इन्द्राणी रहमान, सोनल मानसिंह, कालीचरण पटनायक, काली चन्द, मिनाती दास, किरण सहगल, संयुक्ता पाणिग्रही, माधवी मुद्गल, मायाधर राउत, प्रियवदा मोहन्ती, रंजना डेनियल्स। (संगीत की प्रमुख शैलियाँ तथा उनके गायक)
मणिपुरी (मणिपुर)
स्व. शान्तिवर्धन, झावेरी बहनें, रीता देवी, सविता मेहता, निर्मला मेहता, थाम्बल यामा, सिंहजीत सिंह (इस नृत्य के गुरु)। (प्रसिद्ध चित्रों के चित्रकार)
मोहिनीअट्टम (केरल)
भारती शिवाजी, के. कल्याणि अम्मा और वैजयन्तीमाला। (प्रमुख वाद्य यंत्र और उनके वादक)
शास्त्रीय नृत्य से संबंधित संस्थाएं
ललित कला अकादमी
ललित कला अकादमी की स्थापना 1964 में नई दिल्ली में की गई भारत एवं बाहर, कला चित्रकारी, मर्तिकला एवं शिल्पकला को प्रोत्साहित करना इसका मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए यह प्रदर्शनियाँ आदि आयोजित करती हैं।
संगीत नाटक अकादमी
राज्यों और स्वैच्छिक संगठनों के सहयोग से प्रदर्शित भारतीय कलाओं (नृत्य, नाटक और संगीत) को प्रोत्साहित करने के लिए 1958 में इसकी स्थापना की गई।
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय
इसकी स्थापना 1969 ई. में संगीत नाटक अकादमी ने की थी। सन् 1976 में इसे एक स्वायत्त संस्था बना दिया गया। इस विद्यालय ने देश को बहुत से प्रतिभाशाली अभिनेता, निर्देशक, पटकथा लेखक, डिजाइनर, टेक्नीशियन और शिक्षाविद् दिये हैं।