लोक कला
लोक कला लोक संस्कृति के संदर्भ में बनाई गई दृश्य कला के सभी रूपों को कवर करती है। परिभाषाएँ बदलती हैं, लेकिन आम तौर पर वस्तुओं में विशेष रूप से सजावटी होने के बजाय किसी प्रकार की व्यावहारिक उपयोगिता होती है।
भारत के राज्य और उनकी लोक कला
- साथिया – गुजरात
- मांडा – राजस्थान
- सोन रखना या चौक पूरना – उत्तर प्रदेश
- रंगोली – महाराष्ट्र
- अहपन – बिहार
- मेंहदी – राजस्थान
- गोदना – बिहार
- आपना – पहाड़ी
भारतीय उपखंड मे रामायण, महाभारत एवं पौराणिक गाथाओंका नाट्यपूर्ण लोककला मंचन कि प्राचीन परंपरा रही है। चित्र कथी, कठपुतली एकलपात्र नाट्य गान महाराष्ट्र मे किर्तन, उत्तरी भारत मे राम लीला, का प्रयोग होता आ रहा है। कुछ कलाएं किसी मात्रामे आज भी मंचित कि जाती है तो बडे पैमानेपर बहुत सारी कलांए लुप्त होने के कगारपर है। (लोकनृत्य और लोकगीत)
पश्चिमी भारत मे केंद्रशासित प्रदेश दादरा नगर हवेली मे गर्मी के दिनो की रात्रियोँ मे पौराणिक कथा एवम रामायण महाभारत आधारीत ‘भावड़ा मुखौटा नृत्य ‘ का मंचन किया जाता हैं। (संगीत की प्रमुख शैलियाँ तथा उनके गायक)
भारतके दक्षिणी राज्य केरलमे ओनम त्योहार के प्रसंगमे वेलान समुदाय के लोग ‘नोक्कु विद्या पावाकाली’ नामक कठपुतली जैसी लोककला का मंचन किया जाता है। जिसमे कलाकार अपने होठो पर छोटी लठ पर राम एवम रावण की कठपुतलि सम्हाले हुए रामायण गीतोपर आधारीत मंचन किया जाता है। इस कला के माहीर कलाकार भी कम होते चले गए और यह कला लुप्त होने के कगारपर है। (शास्त्रीय नृत्य शैली और कलाकार)
भारतीय राज्यों के लोकनृत्य
भारत के विभिन्न राज्य और उनके प्रमुख लोकनृत्य का नाम की सूची निम्नलिखित प्रकार से है-
राज्य | लोक नृत्य |
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उत्तर प्रदेश | कजरी, नौटंकी, दीवाली नृत्य, रासलीला, थाली, जांगर, लद्दा, कुमायूँ, झोरा, जैता आदि। |
हरियाणा | फाग, सांग, छठि, खोरिया, धमाल, डफ, घूमर, झूमर, गुग्गा, लूर, रास लीला आदि। |
पंजाब | भांगड़ा, झुमर, लुड्डी, जूली, डंकरा और धूमल पुरुष लोक नृत्य हैं, जबकि सम्मी, गिद्दा, जागो और किक्ली महिला लोक नृत्य हैं। |
राजस्थान | कालबेलिया, घूमर, गणगौर, पनिहारी, डंडिया कृष्ण नृत्य, बगरिया चंग, फूंदी, शंकरिया, चरी, कामड, घापाल, गोपिका लीला आदि। |
मध्यप्रदेश | बधाई, सैला, चटकोरा, रीना, विलमा, भगोरिया, मटकी, गोचो, बार, लंहगी, परधौनी, कानड़ा, बरेदी, सुवा नृत्य आदि। |
छत्तीसगढ़ | सुआ, राउत नाचा, करमा, ककसार, गौर |
गुजरात | गरबा, डांडिया रास, पणिहारी नृत्य, दीपक नृत्य, लास्या, गणपति भजन, झकोलिया, रासलीला, भवई, टिप्पनी आदि। |
बिहार | घुमकुडिया, छऊ, विदेशिया, करमा, जटजटनि, मग्धी, मूका, सुझरी, जातरा, पंवरिया, वैमा, सरहुल, विदायल, चेकवा, जदूर, झीका, वरवो, बरवाहन, सोहराई, माघा आदि। |
उड़ीसा | घूमरा, पैका छऊ, संचार, चंगुनार, सवारी, गरूड़ वाहन अया, जदूर मुदारी आदि। |
आंध्रप्रदेश | मधुरी, कुम्भी, मरदाला, घंटामर्दाला, वतकम्मा, छड़ी सिद्धि आदि। |
तमिलनाडु | पिन्नल कोलाट्टम, कडागम, कुम्भी, कावड़ी, कोलाट्म आदि। |
महाराष्ट्र | लावनी, गौरीचा, लेजम, तमाशा, मौनी, बोहदा, गफा, पोवाडा, ललिता, कोली, दहिकला आदि। |
जम्मू कश्मीर | राउफ, मंदजास, हिकात आदि। |
हिमाचल प्रदेश | डंडा नाच, छपेली, थाली, सांगला, छारबा, धमान, झैंता, महाथू-जद्दा, डांगी, डफ आदि। |
अरूणाचल प्रदेश | मुखौटा नृत्य, युद्ध नृत्य आदि। |
मणिपुर | नटरास, बसंतराम, राखाल, महारास, पुंग चोलोम, लाई हरीबा, थांग्टा, की तलम् आदि। |
असम | नागा नृत्य, नटपूजा, खेल गोपाल, अंकियानार, बिछुआ, तबल चैगंबी, बिहु, झुमरा, बलिगोपाल, बुगुरूम्बा, बोईसाजू, होब्जानाई आदि। |
नागालैण्ड | कुमीनागा, रवैवा, युद्ध नृत्य, चैंग, नूरालिम, लिम आदि। |
पश्चिम बंगाल | गम्भीरा, मर्सिया, रामवेश, काठी, कीर्तन, बाउल, जात्रा, छाली आदि। |