भौतिक विज्ञान के इस चैप्टर में आप निम्न की परिभाषा और अर्थ जानेंगे- मापन, मात्रक, मूल राशियाँ, एस आई प्रणाली, व्युत्पन्न मात्रक, खगोलीय मात्रक, माइक्रोन, एंग्स्ट्रोम, प्रकाश बर्ष, महत्वपूर्ण मात्रक तथा दस की घातों के प्रतीक आदि।
मापन (Measurement)
हम किसी भी भौतिक राशि की माप ज्ञात करने के लिए उस राशि के एक निश्चित परिमाण को “मानक” (Standard) मान लेते हैं तथा इस मानक को कोई नाम दे देते हैं। इसी को उस राशि का “मात्रक” (Unit) कहते हैं। और किसी दी गई राशि को इसके मात्रक से तुलना को मापन कहते हैं।
दूसरे शब्दों में ‘दो भौतिक राशियों के बीच के तुलनात्मक अध्ययन को मापन कहते है।’
भौतिक राशि
जिस राशि का मापन किया जा सकता है, उसे भौतिक राशि कहते हैं। जैसे – लंबाई, द्रव्यमान, ताप, विद्युत धारा, दाब, बल इत्यादि।
किसी भौतिक राशि की माप अथवा तौल को व्यक्त करनें के लिए निम्न बातों की जानकारी होना अति आवश्यक है-
- मात्रक (UNIT)
- संख्यात्मक या आंकिक मान (Numerical Value)
मात्रक (Unit)
किसी राशि के मापन के निर्देश मानक को मात्रक (Unit) कहते हैं। अथवा जिसमें दी गई भौतिक राशि मापी जाती है उसे ही मात्रक (Unit) कहते हैं। मात्रक या राशियाँ दो प्रकार की होती हैं –
- मूल मात्रक या मूल राशियाँ
- व्युत्पन्न मात्रक या व्युत्पन्न राशियाँ
संख्यात्मक या आंकिक मान (Numerical Value)
संख्यात्मक या आंकिक मान उस राशि के परिमाण को प्रदर्शित करता है अर्थात यह बताता है कि उस राशि में उसका मात्रक कितनी बार सम्मिलित है।
उदाहरण: जब हम कहते हैं कि एक छड़ की लंबाई 20 मीटर है तो इसका अर्थ यह है कि छड़ की लंबाई मापने का मात्रक मीटर है और वह छड़ की लंबाई में बीस बार सामिल है। यदि हम इस लंबाई का मात्रक सेंटीमीटर (cm) या मिलीमीटर (mm) ले तो छड़ की लंबाई 2000 cm या 20,000 mm होगी।
इससे स्पष्ट है कि किसी राशि का मात्रक जितना छोटा होता चला जाता है, उसका संख्यात्मक मान उतना ही बढ़ता जाता है।
मात्रकों की प्रणाली या पद्धतियाँ
1. CGS पद्धति (सेंटीमीटर ग्राम सेकंड) प्रणाली
इसे फ्रेंच या मीट्रिक पद्धति भी कहते हैं। इस प्रणाली में दूरी को सेंटीमीटर, भार को ग्राम तथा समय को सेकंड में मापते हैं।
2. MKS पद्धति (मीटर किलोग्राम सेकंड) प्रणाली
यह पद्धति CGS पद्धति का ही एक रूप है। इस प्रणाली में दूरी को मीटर, भार को किलोग्राम तथा समय को सेकंड में मापते हैं।
3. FPS पद्धति (फुट पाउंड सेकंड) प्रणाली
इसे ब्रिटिश पद्धति भी कहते हैं। इस प्रणाली में दूरी को फुट, भार को पाउंड तथा समय को सेकंड में मापते हैं।
4. SI पद्धति (अंतर्राष्ट्रीय मानक) प्रणाली
इस पद्धति में सात मूल मात्रक (Fundamental Unit) तथा दो संपूरक मात्रक (Supplementary Unit) होते हैं। भारत में मीट्रिक और एस आई प्रणाली 1957 से लागू है।
मात्रक और राशि में अंतर
दूरी और मीटर में, दूरी एक राशि (Quantity) है जबकि मीटर एक मात्रक (Unit)। अर्थात किसी राशि के माप को व्यक्त करने के लिए मात्रक आवश्यक होता है। अतः मात्रक के बिना राशि, और राशि के बिना मात्रक दोनों का स्वतंत्र रूप से कोई अस्तित्व नाही है।
मूल मात्रक या मूल राशियाँ (Fundamental Unit or Quantities)
वे राशियाँ जिनमें किसी एक राशि को दूसरी राशि के मात्रक में बदला अथवा उससे संबन्धित नहीं किया जा सकता, उन्हें “मूल राशियाँ” तथा इनके मात्रक को “मूल मात्रक” कहते हैं।
विभिन्न भौतिक राशियों को देखनें से पता चलता है कि उनको मापने के लिए अलग अलग मात्रकों की आवश्यकता होगी। परंतु इससे मात्रकों की संख्या इतनी अधिक हो जाएगी कि उन्हें याद रखना असंभव होगा।
अनेक भौतिक राशियाँ परस्पर एक दूसरे से संबधित होती हैं जैसे – चाल को दूरी और समय से व्यक्त करते हैं। अतः चाल के मात्रक को दूरी और समय के मात्रकों में व्यक्त किया जाता है। इस प्रकार हम जानते हैं कि चाल का मात्रक “मीटर प्रति सेकंड” (m/s) होता है।
यान्त्रिकी में प्रयोग होने वाली राशियाँ को “द्रव्यमान, लंबाई और समय” में व्यक्त किया जाता है। इन तीनों राशियों के मात्रक एक दूसरे से पूर्ण रूप से स्वतंत्र हैं। तथा इनमें से किसी एक भी राशि को दूसरी राशि के मात्रक में बदला अथवा उससे संबन्धित नहीं किया जा सकता। अतः इन राशियों को “मूल राशियाँ” तथा इनके मात्रक को “मूल मात्रक” कहते हैं।
अन्य सभी राशियों जैसे क्षेत्रफल, चाल, घनत्व, बल, कार्य, इत्यादि के मात्रकों को मूल मात्रकों में ही व्यक्त किया जाता है।
विद्युत तथा चुम्बकत्व संबंधी राशियों के मात्रक निर्धारित करनें के लिए “वैद्युत धारा” को मूल राशि माना जाता है। इसी प्रकार ऊष्मा तथा प्रकाश संबंधी राशियों के मात्रक निर्धारित करनें के लिए क्रमशः ताप तथा ज्योति-तीव्रता को मूल राशि माना जाता है।
इस प्रकार भौतिकी के अध्ययन के लिए कुल छः राशियाँ ‘मूल राशियाँ’ मानी जाती हैं- (1) लंबाई, (2) द्रव्यमान, (3) समय, (4) वैद्युत धारा, (5) ताप, (6) ज्योति-तीव्रता (luminous intensity)।
मात्रकों की एस॰ आई॰ प्रणाली (International System of Units)
इस प्रणाली में लंबाई का मात्रक “मानक मीटर”, द्रव्यमान का मात्रक “मानक किलोग्राम”, समय का मात्रक “मानक सेकंड”, वैद्युत धारा का मात्रक “एम्पियर”, ताप का मात्रक “केल्विन”, तथा ज्योति-तीव्रता का मात्रक “कैन्डला” है।
मूल मात्रक
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# | भौतिक राशि | SI मात्रक | संकेत |
1. | लंबाई | मीटर (meter) | m |
2. | द्रव्यमान | किलोग्राम (kilogram) | kg |
3. | समय | सेकंड (Second) | sec |
4. | ताप | केल्विन (Kelvin) | K |
5. | वैद्युत धारा | एम्पियर (ampere) | A |
6. | ज्योति-तीव्रता | कैन्डला (candela) | cd |
7. | पदार्थ का परिमाण | मोल (mol) | mol |
संपूरक मात्रक
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1. | समतल कोण | रेडियन (radian) | rd |
2. | घन कोण | स्टेरेडियन (steradian) | sr |
व्युत्पन्न मात्रक या व्युत्पन्न राशियाँ (Derived Unit or Quantities)
जो मात्रक मूल मात्रकों की सहायता से व्यक्त किए जाते हैं उन्हें व्युत्पन्न मात्रक (Derived Unit) कहते हैं तथा इन राशियों को व्युत्पन्न राशियाँ (Derived Quantities) कहते हैं।
लंबाई, द्रव्यमान, समय, वैद्युत धारा, ताप, ज्योति तीव्रता तथा पदार्थ का परिमाण के अतिरिक्त अन्य सभी भौतिक राशियों के मात्रक एक या एक से अधिक मूल मात्रकों पर उपयुक्त घातें (powers) लगाकर प्राप्त किए जाते हैं, इन्हीं मात्रकों को “व्युत्पन्न मात्रक” तथा इन राशियों को व्युत्पन्न राशियाँ (Derived Quantities) कहते हैं।
व्युत्पन्न मात्रकों/राशियों के उदाहरण (Examples of Derived Unit)
1. क्षेत्रफल
2. आयतन
3. घनत्व
घनत्व को ग्राम/सेमी3 में भी व्यक्त कर सकते हैं।
4. चाल
5. त्वरण
6. बल
बल के मात्रक को “न्यूटन” कहते हैं। इसे “N” से प्रदर्शित करते हैं।
1 न्यूटन = 1 किग्रा-मीटर/सेकंड2
7. कार्य
कार्य के मात्रक को “जूल” कहते हैं। इसे “J” से प्रदर्शित करते हैं।
1 जूल = किग्रा-मीटर2/सेकंड2 = न्यूटन × मीटर
ऊर्जा का भी वही मात्रक होता है जो कि कार्य का है।
8. शक्ति
शक्ति के मात्रक को “वाट” कहते हैं। इसे “W” से प्रदर्शित करते हैं।
1 वाट = 1 जूल/सेकण्ड
इस प्रकार किसी भी राशि के मात्रक मूल मात्रकों से व्युत्पन्न किए जा सकते हैं।
मापन से संबन्धित अन्य लेख
- मूल मात्रक तथा व्युत्पन्न मात्रक में अंतर
- मानक मीटर (दूरी का मात्रक)
- मानक किलोग्राम (द्रव्यमान का मात्रक)
- मानक सेकण्ड – परमाणुक घड़ी
- एम्पियर (विद्युत धारा का मात्रक)
- केल्विन (ताप का मात्रक)
- कैन्डेला (ज्योति-तीव्रता का मात्रक)
- माइक्रोन (दूरी का मात्रक)
- एंग्स्ट्रोम (दूरी का मात्रक)
- प्रकाश बर्ष (दूरी का मात्रक)
- पारसेक (दूरी का मात्रक)
- खगोलीय इकाई (दूरी का मात्रक)
- महत्वपूर्ण मात्रक और उनके संकेत
- दस की विभिन्न घातों के प्रतीक
कुछ अन्य मात्रक
- 1 सौर मास (Solar Month) = 30 या 31 दिन
- 1 लीप बर्ष (Leap Year) = 366 दिन
- 1 हेक्टेयर (Hectare) = 2.5 एकड़