कच्चे माल को मूल्यवान उत्पाद में परिवर्तित कर अधिक मात्रा में वस्तुओं के उत्पादन को विनिर्माण या वस्तु निर्माण कहते हैं। विनिर्माण से तैयार माल उपभोक्ताओं द्वारा उपयोग किया जाता है।
यह किसी भी अर्थव्यवसायी की सम्पन्नता का जनक होता है। राष्ट्रीय विनिर्माण नीति में राष्ट्रीय और निवेश क्षेत्रों की स्थापना व्यापार के नियमों को युक्तिसंगत और सरल बनाना, बीमार इकाइयों को बन्द करने की व्यवस्था को सुगम बनाना, औद्योगिक प्रशिक्षण और कौशल उन्नयन के उपाय बढ़ाना और विनिर्माण इकाइयों और सम्बन्धित गतिविधियों में अंशधारिता पूँजी लगाने के लिये भी प्रोत्साहन देना शामिल है।