भारत में सिंचाई के साधन – जल संसाधन : कुल कृषि भूमि के लगभग 72 प्रतिशत भाग पर की जाने वाली कृषि वर्षा पर ही निर्भर करती है। कुल सिंचित क्षेत्रफल के आधे से अधिक भाग पर सिंचाई के छोटे साधनों- कुएं, तालाब, झीलें, जलाशय, बाँध, नलकूप, मिट्टी के कच्चे बाँध, नल तथा जल स्रोतों द्वारा सिंचाई की जाती है। शेष भाग की सिंचाई बड़े साधनों, यथा- नहरों, नालियों आदि के माध्यम से की जाती है।
सिंचाई के साधन
भारत में मुख्य रूप से सिंचाई के साधन चार प्रकार के हैं (1) कुओं द्वारा सिंचाई, (2) नलकूपों द्वारा सिंचाई, (3) तालाबों द्वारा सिंचाई, (4) नहरों द्वारा सिंचाई।
देश की कृषि भूमि का 38.7% शुद्ध सिंचित क्षेत्र है। इसका 57.0% कुओं व नलकूपों द्वारा, 32% नहरों द्वारा, 6.0% तालाबों द्वारा और 5.0% अन्य साधनों द्वारा सींचा जाता है।
- तालाबों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं उड़ीसा में की जाती है।
पानी की एक उचित स्थान पर एकत्र करना तथा इसे वाष्पीकरण एवं निस्पंदन की हानियों से बचाकर रखने को वाटर हार्वेस्टिंग या जल कटाई कहते है।
- जल परिवहन के लिए प्रयुक्त होने वाली दक्षिण भारत की प्रमुख नहरें है- बकिंघम नहर तथा पश्चिम तटीय नहर।
जलमण्डल मे लगभग 1.46 अरब घन किमी. पानी है। इस इसमें से 97.3% महासागरों एवं सागरों में तथा शेष 2.7% हिमनदों, झीलों, तालाबों, नदियों और भूमिगत जल के रूप में पाया जाता है।
- देश के कुल कृषि भूमि के केवल 40% भाग पर ही सिंचाई की सुविधाएं हैं। शेष 60% भाग को अभी भी वर्षा पर निर्भर रहना पड़ता है।
- भारत में उत्तर प्रदेश, असम, पंजाब, हरियाणा, केरल, मध्य प्रदेश एवं पश्चिमी बंगाल में नहरों द्वारा सर्वाधिक सिंचाई की जाती है।
- देश के कुओं द्वारा सिंचाई का अनुपात गुजरात, उत्तर प्रदेश एवं राजस्थान में अधिक है।
जल संसाधनो से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- एक से अधिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए बनी नदी घाटी परियोजना को बहुउद्देशीय परियोजना कहा जाता है।
भारत की प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना दामोदर घाटी परियोजना है। दामोदर घाटी परियोजना से पश्चिम बंगाल तथा झारखंड राज्यों को सुविधा प्राप्त होती है।
- भारत की बहुउद्देशीय परियोजना का प्रारूप ‘टेनेसी घाटी परियोजना‘ से लिया गया है। अमेरिका में ‘टेनेसी घाटी परियोजना’ स्थित है।
पंडित जवाहर लाल नेहरू ने भारत की बहुउद्देशीय परियोजनाओं को आधुनिक भारत का मंदिर तथा तीर्थ स्थल कहा था।
भाखड़ा नांगल परियोजना भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय परियोजना हैं। ‘भाखड़ा नांगल परियोजना’ की ऊँचाई 226 मीटर है। सतलुज नदी पर भाखड़ा नांगल परियोजना निर्मित है। भाखड़ा नांगल बाँध विश्व का दूसरा सबसे ऊँचा बाँध है।
- बेतवा नदी पर ‘लक्ष्मी बाई सागर बांध परियोजना‘ बनायी गई है। ।
‘नागार्जुन सागर परियोजना‘ से आंध्र प्रदेश को लाभ प्राप्त होता है। ‘नागार्जुन सागर परियोजना’ आंध्र प्रदेश राज्य में स्थित है। कृष्णा नदी पर ‘नागार्जुन सागर परियोजना’ का निर्माण किया गया है। ‘नागार्जुन सागर बांध’ भारत का सबसे बड़ा कंक्रीट बांध है। नागार्जुन सागर बाँध की ऊँचाई 100 मीटर है।
- ‘हीराकुंड बांध परियोजना‘ की लम्बाई 4,800 मीटर है। ‘हीराकुंड परियोजना’ महानदी पर निर्मित है। हीराकुंड बांध परियोजना विश्व की सबसे लम्बी बांध परियोजना है।
चम्बल घाटी परियोजना मध्य प्रदेश एवं राजस्थान राज्यों की संयुक्त परियोजना है। ‘चम्बल घाटी परियोजना’ पर राणा प्रताप सागर बांध, ‘जवाहर सागर बाँध‘ तथा गांधी सागर बांध निर्मित है। चम्बल परियोजना का सम्बन्ध मध्य प्रदेश एवं राजस्थान से है।
तुंगभद्रा परियोजना कर्नाटक एवं आंध्र प्रदेश की संयुक्त परियोजना है। तुंगभद्रा का निर्माण मल्लापुरम् में हुआ है।
रिहन्द बांध परियोजना को उत्तर प्रदेश का गौरव कहा जाता हैं। रिहन्द बांध परियोजना का नाम गोविन्द बल्लभ सागर परियोजना रखा गया है।
- उत्तरांचल स्थित गढवाल जिले में रामगंगा परियोजना का निर्माण किया गया। कालागढ़ में ‘रामगंगा परियोजना’ स्थित है।
- कर्नाटक राज्य में पम्पा सागर नामक झील निर्मित है।
- ‘इन्दिरा गांधी नहर परियोजना‘ के अंतर्गत, पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान राज्य आते हैं।
- आन्ध्र प्रदेश राज्य में गोदावरी नदी पर ‘पूंचमपाद परियोजना‘ निर्मित है।
- चुक्का बांध परियोजना भारत ने भुटान के सहयोग से बनायी।
- हिमाचल प्रदेश में पोंग बांध परियोजना निर्मित है।
- झाँसी (उत्तर प्रदेश) में माताटीला बांध स्थित है। बेतवा नदी पर माताटीला परियोजना का निर्माण हुआ है।
पश्चिम बंगाल में ‘फरक्का परियोजना‘ स्थापित है। ‘फरक्का बैराज’ विश्व का सबसे बड़ा बैराज है। पश्चिम बंगाल के फरक्का बैराज पर एन.टी.पी.सी. द्वारा स्थापित सुपर ताप विद्युत केंद्र स्थित है।
- महाराष्ट्र राज्य में कोयना परियोजना‘ की स्थापना की गई है।
- गण्डक नदी परियोजना का सम्बन्ध बिहार एवं उत्तर प्रदेश राज्य से है।
- काकरापारा परियोजना‘ गुजरात में ताप्ती नदी पर निर्मित है।
- ‘सलाल परियोजना‘ जम्मू कश्मीर में स्थित चिनाब नदी पर स्थापित है।
- जायकवाड़ी परियोजना गोदावरी नदी पर निर्मित है।
- दण्डाकारण्य परियोजना का सम्बन्ध छत्तीसगढ़, उड़ीसा एवं आन्ध्र प्रदेश राज्यों से है।
- ‘थीन डैम परियोजना‘ पंजाब में रावी नदी पर निर्मित है।
- मचकुण्ड परियोजना‘ आंध्र प्रदेश एवं उड़ीसा की संयुक्त परियोजना है
- कोसी परियोजना की स्थापना बिहार-नेपाल के मध्य की गयी है।
- परिम्बकुलम अलियार योजना केरल व तमिलनाडु राज्यों का संयुक्त प्रयास है।
भारत में सिंचाई के साधन (Sinchai ke sadhan) जल संसाधन : भारत में मुख्य रूप से सिंचाई के साधन चार प्रकार के हैं (1) कुओं द्वारा सिंचाई, (2) नलकूपों द्वारा सिंचाई, (3) तालाबों द्वारा सिंचाई, (4) नहरों द्वारा सिंचाई।