प्रारूप समिति
संविधान में बनाये गए अधिनियमों पर विचार विमर्श करने के लिए प्रारूप समिति (Drafting committee) का गठन किया गया था। प्रारूप समिति ने संविधान के प्रारूप पर विचार विमर्श करने के बाद 21 फरवरी 1948 को संविधान सभा को अपनी रिपोर्ट पेश की।
संविधान सभा के 11वें सत्र के आखिरी दिन 26 नवंबर 1949 को हमारा संविधान स्वीकार किया गया। जिसके बाद 24 जनवरी 1950 को 284 सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किया। इसके बाद 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान देशभर में लागू किया गया। देशभर में संविधान के लागू होते ही संविधान सभा को भंग कर दिया गया।
प्रारुप समिति (Drafting Committee) के सदस्य
ट्रिक = भीम गोपाल कृष्ण कन्हैया को लेकर मोहम्मद साहब के खेत पर गए।
# | ट्रिक | सदस्य |
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1. | भीम | भीमराव अंबेडकर |
2. | गोपाल | N. G. आयंगर |
3. | कृष्ण | अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर |
4. | कन्हैया | कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी |
5. | माधव | एन माधव राव |
6. | मोहम्मद | सय्यद मोहम्मद सादुल्लाह |
7. | खेत | D. P. खेतान |
प्रारूप समिति के अध्यक्ष (भीमराव अम्बेडकर)
- डॉ. भीमराव अम्बेडकर – अध्यक्ष
- एन. गोपाल स्वामी आयंगर – ये आजादी के पहले कश्मीर के प्रधानमंत्री थे।
- अल्लादी कृष्णा स्वामी अय्यर – ये मद्रास के एडवोकेट जनरल थे।
- कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी – ये एक साहित्यकार थे। इन्हें संविधान सभा में ऑर्डर ऑफ बिजनेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया था।
- एन माधव राव – नए संविधान का मसौदा तैयार करने का काम सौंपा गया था
- सय्यद मोहम्मद सादुल्लाह
- डी. पी. खेतान – ये एक प्रसिद्ध वकील थे।
नोट:-
BL मित्र के त्यागपत्र देने के बाद एन माधव राव को सदस्य बनाया गया।
डी. पी. खेतान की देहांत के बाद टी. टी. क्रष्णामाचारी को सदस्य बनाया गया।
संविधान के सभी प्रारूपों पर 114 दिन की बहस चली। और 24 जनवरी 1950 को 284 सदस्यों ने प्रारूप पर हस्ताक्षर कर अपनी सहमति प्रदान की। इन सदस्यों में आठ (8) महिलाएं थीं।
श्री बी एन राव (B. N. Rao) को प्रथम संवैधानिक सलाहकार बनाया गया।
26 नवंबर 1949 में संविधान सभा द्वारा संविधान अंगीकृत किया गया। और इसी दिन 16 अनुच्छेद लागू किये गए। (16 अनुच्छेद – 5, 6, 7, 8, 9, 60, 324, 366, 367, 369, 380, 388, 391, 392, 393, 394)
26 नवंबर को संविधान सभा द्वारा “विधि दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया। 2015 से भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में 26 नवंबर को “संविधान दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
24 जनवरी 1950 को संविधान सभा की अंतिम बैठक करवाई गई। और 26 जनवरी 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया।
26 जनवरी को संविधान लागू करने का कारण
31 दिसंबर 1929 में पं. जबाहरलाल नेहरू ने लाहौर के रावी नदी के तट पर तिरंगा झण्डा फहराते हुए “पूर्ण स्वराज” की मांग की। और साथ ही 26 जनवरी 1930 को भारत की जनसभा को संबोधित करते हुए यह भी निश्चित किया कि जब भी स्वतंत्र होंगे अपना संविधान 26 जनवरी को ही लागू करेंगे।