भारत के प्रमुख धर्म: भारत में सबसे अधिक हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं। भारत में इस्लाम धर्म के अनुयायी दूसरे स्थान पर हैं। सिक्ख धर्म पूरे भारत में फैला हुआ है परन्तु पंजाब में इस धर्म से सम्बन्धित भारतीयों की संख्या अत्यधिक है।
बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे जो लुम्बिनी नामक नेपाल की तराई में बसे हुए गांव में 563 ई.प. में पैदा हुए थे। ईसाई धर्म भारत में मुख्यतः गोवा, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु एव केरल में प्रचलित है। पारसी मुस्लिम आक्रमणों के कारण 7वीं शताब्दी ई. में परसिया से भागकर भारत आए।
प्रमुख धर्म, पूजा स्थल, पुस्तकें एवं धार्मिक ग्रंथ
# | धर्म | पूजा स्थल | पुस्तक |
---|---|---|---|
1. | ईसाई | चर्च | बाइबिल |
2. | इस्लाम | मस्जिद | कुरान |
3. | पारसी | अग्नि मंदिर | जेन्द अवेस्ता |
4. | सिक्ख | गुरुद्वारा | ग्रंथ साहिब |
5. | यहूदी | सिनेनाङ | तोरह |
6. | हिन्दू | मंदिर | भगवद् गीता, वेद, पुराण, महाभारत, रामायण आदि। |
हिन्दू धर्म
भारत में सबसे अधिक हिन्दू धर्म के अनुयायी हैं। हिन्दू शब्द मूल रूप से “सिंधु” शब्द का फारसी रूपांतरण है। सम्भवतः हिन्दू शताब्दी ई.पूर्व व्यवहार में आया होगा, जब सिन्धु नदी के आस-पास का क्षेत्र फारस साम्राज्य का भाग रहा होगा। इस प्रकार सिन्धु नदी के पश्चिम का भाग सिन्ध तथा सिन्धु नदी के पूर्व का भाग हिन्द अर्थात् हिन्दुस्तान कहा जाने लगा।
शताब्दियों के बाद पश्चिमोत्तर से आये मुस्लिम आक्रमणकारियों के साथ यह नाम पुनः भारत में आया। इस धर्म का आधार वेद है। वैदिक कालीन आर्य प्राकृतिक शक्तियों अग्नि, वरुण, सोम, सूर्य आदि को देवता मानते थे और इनकी आराधना में यज्ञ किया करते थे। उस समय न तो मूर्तियाँ थीं और न मन्दिर।
आधुनिक हिन्दू धर्म में शंकराचार्य ने अद्वैतवाद का सिद्धान्त दिया। 12वीं शताब्दी में रामानुज ने विशिष्टाद्वैतवाद के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। बाद में इसका स्थान मूर्ति-पूजा ने ले लिया। इस धर्म के प्रमुख त्योहार दीपावली, होली, दशहरा तथा रक्षाबन्धन हैं।
इस्लाम धर्म
भारत में इस्लाम धर्म के अनुयायी दूसरे स्थान पर हैं। यह धर्म पूरे भारत में फैला हआ है, परंतु इसका प्रतिशत लक्षद्वीप समूह, जम्मू एवं कश्मीर, असोम एवं पश्चिमी बंगाल में राष्ट्रीय प्रतिशत से बहुत अधिक है।
यह धर्म भारत में मुस्लिम आक्रमणों के कारण आया। इस धर्म को मानने वाले मुस्लिम कहलाते हैं। इस धर्म के प्रमुख त्योहार ईद-उल-फितर, ईद-उल-जुहा और मोहर्रम आदि हैं।
सिक्ख धर्म
सिक्ख धर्म पूरे भारत में फैला हुआ है परन्तु पंजाब में इस धर्म से सम्बन्धित भारतीयों की संख्या अत्यधिक है। यह धर्म गुरू नानक द्वारा स्थापित किया गया।
यह धर्म गुरू गोविन्द सिंह द्वारा निश्चित ‘पाँच क‘ में विश्वास करता है केश, कंघा, कड़ा, कृपाण, एवं कच्छ।
पाँचवें गुरू अर्जुन देव ने ‘आदिग्रन्थ‘ का समायोजन किया एवं ‘स्वर्ण-मन्दिर‘ का निर्माण कराया जो अमृतसर में स्थित है।
दसवें गुरू गोविन्द सिंह ने सिक्खों को एक सैनिक समुदाय के रूप में संगठित किया। सिक्ख धर्म के प्रमुख त्योहार- लोहड़ी एवं बैसाखी हैं।
जैन धर्म
जैन धर्म में कुल 24 तीर्थंकर हुए। प्रथम तीर्थंकर ऋषभदेव थे। तेईसवें तीर्थंकर पार्श्वनाथ थे। महावीर स्वामी चौबीसवें व अन्तिम तीर्थंकर थे।
महावीर स्वामी का जन्म 540 ई.पू. और निर्वाण 468 ई.पू. हुआ। वह वैशाली (मुजफ्फरपुर, बिहार) के एक राजपरिवार में जन्मे थे।
ये तीर्थंकर वे व्यक्ति हैं जो जन्म-मरण से मुक्ति पा चुके हैं। जैन धर्म पाँच पापों से दूर रहने की शिक्षा देता है। ये पाँच पाप हैं – (1) हिंसा, (2) झूठ, (3) चोरी, (4) कुशील तथा (5) परिग्रह।
जैन धर्म में पाँच महाव्रतों पर विशेष बल दिया गया है सत्य, अस्तेय, अपरिग्रह, अहिंसा एवं ब्रह्मचर्य।
जैन धर्म के दो सम्प्रदाय हैं-
- श्वेताम्बर
- दिगम्बर
बौद्ध धर्म
बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे जो लुम्बिनी नामक नेपाल की तराई में बसे हुए गांव में 563 ई.प. में पैदा हुए थे। 483 ई.पू. में कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में इन्होंने निर्वाण प्राप्त किया। वह क्षत्रिय राजकुमार सिद्धार्थ थे जो कपिलवस्तु के राजा शुद्धोधन के पुत्र थे। गौतम बुद्ध का ज्ञान-प्राप्ति स्थल बौद्ध गया (बिहार) तथा प्रथम धर्मोपदेश स्थल सारनाथ (उत्तर प्रदेश) है।
बौद्ध धर्म के चार महान सत्य
- जीवन कष्ट का दूसरा नाम है
- कष्ट इच्छा से उत्पन्न होता है और असंतुष्ट इच्छा पुनर्जन्म या जीवन-मरण के चक्कर में डाल देती है
- इच्छा के शासन से ही पुनर्जन्म का शासन हो सकता है और पुनर्जन्म से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है, यही सबसे महान कल्याण है जिसे निर्वाण कहते हैं
- इच्छा का शमन मन, वाणी तथा कर्म की पवित्रता द्वारा प्राप्त हो सकती है, और यह दस उपदेशों तथा अष्टगामी रास्ते के द्वारा प्राप्त की जा सकती है।
बौद्ध धर्म के दस उपदेश
- हिंसा न करना
- चोरी नहीं करना
- वेश्यावृत्ति या पर-नारी से संभोग नहीं करना
- झूठ नहीं बोलना
- दूसरों की बुराई नहीं करना
- दूसरों में दोष नहीं निकालना
- गंदी भाषा का प्रयोग नहीं करना
- लालच से दूर रहना
- घृणा से दूर रहना तथा
- ज्ञान को दूर करना।
बौद्ध धर्म का अष्टमार्गी रास्ता
(1) सत्य विश्वास, (2) सत्य विचार, (3) सत्य वाणी, (4) सत्य कर्म, (5) जीविकोपार्जन के सत्य साधन, (6) सत्य व्यवहार, (7) सत्य स्मरण, (8) सत्य चिंतन।
इसके मुख्य दो सम्प्रदाय महायान तथा हीनयान हैं।
- महायान
- हीनयान
चार बौद्ध संगीतियाँ
संगीति | समय | शासक | स्थान | अध्यक्ष |
---|---|---|---|---|
प्रथम | 483 ई.पू. | अजातशत्रु | राजगृह | महाकश्यप |
द्वितीय | 383 ई.पू. | कालाशोक | वैशाली | सर्वकामिनी |
तुतीय | 251 ई.पू. | अशोक | पाटलिपुत्र | मोग्गलिपुत्त तिस्स |
चतुर्थ | प्रथम सदी ई. | कनिष्क | कुण्डलवन | वसुमित्र |
ईसाई धर्म
यह धर्म भारत में मुख्यतः गोवा, महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु एव केरल में प्रचलित है। रोमन कैथोलिकों का विश्वास है कि यह धर्म सेन्ट फ्रांस द्वारा भारत में लाया गया है, जबकि प्रोटेस्टेन्ट’ धर्म मुख्यतः ब्रिटिश प्रभाव के कारण भारत में फैला। ईसाइयों के प्रमुख त्योहार ‘क्रिसमस‘ तथा ‘गुड फ्राइडे‘ हैं।
पारसी धर्म
पारसी मुस्लिम आक्रमणों के कारण 7वीं शताब्दी ई. में परसिया से भागकर भारत आए। यह अधिकतर मुम्बई के आस-पास निवास करते हैं। भारत में इनकी जनसंख्या बहुत कम है।
भारत में प्रमुख धार्मिक संप्रदायों की आबादी एवं प्रतिशत
# | धर्म | आबादी | प्रतिशत |
---|---|---|---|
1. | हिन्दू | 82,75,78,868 | 80.5 |
2. | मुस्लिम | 13,81,88,240 | 13.9 |
3. | ईसाई | 2.40.80.016 | 2.3 |
4. | सिक्ख | 1,92,15,730 | 1.9 |
5. | बौद्ध | 79,55,207 | 0.8 |
6. | जैन | 42,25,053 | 0.4 |
7. | अन्य धर्म | 66,39,626 | 0.6 |
8. | धर्म नहीं बताया गया | 7,27,588 | 0.1 |