जी हां इसका इलाज संभव है कुछ घरेलू उपायों से, जैसे कि इन उपायों को करने के लिए आपको एक दैनिक दिनचर्या बनानी पड़ेगी यदि ऐसा नहीं करेगे तो इन उपायों का कोई लाभ नहीं मिलेगा।
पथरी का घरेलू इलाज
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जिस व्यक्ति को पथरी की समस्या हो उसे खूब केला खाना चाहिए क्योंकि केला विटामिन बी-6 का प्रमुख स्रोत है, जो ऑक्जेलेट क्रिस्टल को बनने से रोकता है व ऑक्जेलिक अम्ल को विखंडित कर देता है। इसके आलावा नारियल पानी का सेवन करें क्योंकि यह प्राकृतिक पोटेशियम युक्त होता है, जो पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकता है और इसमें पथरी घुलती है।
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कहने को करेला बहुत कड़वा होता है पर पथरी में यह भी रामबाण साबित होता है| करेले में पथरी न बनने वाले तत्व मैग्नीशियम तथा फॉस्फोरस होते हैं और वह गठिया तथा मधुमेह रोगनाशक है। जो खाए चना वह बने बना। पुरानी कहावत है। चना पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकता है।
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गाजर में पायरोफॉस्फेट और पादप अम्ल पाए जाते हैं जो पथरी बनने की प्रक्रिया को रोकते हैं। गाजर में पाया जाने वाला केरोटिन पदार्थ मूत्र संस्थान की आंतरिक दीवारों को टूटने-फूटने से बचाता है।
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इसके अलावा नींबू का रस एवं जैतून का तेल मिलकर तैयार किया गया मिश्रण गुर्दे की पथरी को दूर करने में बहुत हीं कारगर साबित होता है। 60 मिली लीटर नींबू के रस में उतनी हीं मात्रा में जैतून का तेल मिलाकर मिश्रण तैयार कर लें। इनके मिश्रण का सेवन करने के बाद भरपूर मात्रा में पानी पीते रहें। इस प्राकृतिक उपचार से बहुत जल्द हीं आपको गुर्दे की पथरी से निजात मिल जायेगी साथ हीं पथरी से होने वाली पीड़ा से भी आपको मुक्ति मिल जाएगी।
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पथरी को गलाने के लिये अध उबला चौलाई का साग दिन में थोडी थोडी मात्रा में खाना हितकर होता है, इसके साथ आधा किलो बथुए का साग तीन गिलास पानी में उबाल कर कपडे से छान लें, और बथुये को उसी पानी में अच्छी तरह से निचोड कर जरा सी काली मिर्च, जीरा और हल्का सा सेंधा नमक मिलाकर इसे दिन में चार बार पीना चाहिये, इस प्रकार से गुर्दे के किसी भी प्रकार के दोष और पथरी दोनो के लिए साग बहुत उत्तम माने गये है।
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जीरे को मिश्री की चासनी, शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ निकल जाती है। इसके अलावा तुलसी के बीज का हिमजीरा दानेदार शक्कर व दूध के साथ लेने से मूत्र पिंड में फ़ंसी पथरी निकल जाती है।
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प्याज में पथरी नाशक तत्व होते हैं। करीब 70 ग्राम प्याज को अच्छी तरह पीसकर या मिक्सर में चलाकर पेस्ट बनालें। इसे कपडे से निचोडकर रस निकालें। सुबह खाली पेट पीते रहने से पथरी छोटे-छोटे टुकडे होकर निकल जाती है।
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सूखे आंवले को नमक की तरह से पीस लें,उसे मूली पर लगाकर चबा चबा कर खायें,सात दिन के अन्दर पथरी पेशाब के रास्ते निकल जायेगी,सुबह खाली पेट सेवन करने से और भी फ़ायदा होता है।
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आम के ताजा पत्ते छाया में सुखाकर, बारीक पीस कर आठ ग्राम मात्रा पानी मे मिलाकर प्रात: काल प्रतिदिन लेने से पथरी समाप्त हो सकती है।
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दो अन्जीर एक गिलास पानी मे उबालकर सुबह के वक्त पीयें। एक माह तक लेना जरूरी है।
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स्टूल पर चढकर १५-२० बार फ़र्श पर कूदें। पथरी नीचे खिसकेगी और पेशाब के रास्ते निकल जाएगी। निर्बल व्यक्ति यह प्रयोग न करें।
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दूध व बादाम का नियमित सेवन से पथरी की संभावना कम होती है।
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गोखरू 10 ग्राम, जल 150 ग्राम, दूध 250 ग्राम को पकाकर आधा रह जाने पर छानकर नित्य पिलाने से मूत्र मार्ग की सारी विकृतियाँ दूर होती हैं ।
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एक गिलास अनन्नास का रस, १ चम्मच मिश्री डालकर भोजन से पूर्व लेने से पिशाब खुलकर आता है और पिशाब सम्बन्धी अन्य समस्याए दूर होती है
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पथरी होने पर नारियल का पानी पीना चाहिए। इसमें जैविक परमाणु होते हैं जो खनिज पदार्थो को उत्पन्न होने से रोकते हैं .
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15 दाने बडी इलायची के एक चम्मच, खरबूजे के बीज की गिरी और दो चम्मच मिश्री, एक कप पानी में मिलाकर सुबह-शाम दो बार पीने से पथरी निकल जाती है।
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पका हुआ जामुन पथरी से निजात दिलाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पथरी होने पर पका हुआ जामुन खाना चाहिए।
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सहजन की सब्जी खाने से गुर्दे की पथरी टूटकर बाहर निकल जाती है।
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मिश्री, सौंफ, सूखा धनिया लेकर 50-50 ग्राम मात्रा में लेकर डेढ लीटर पानी में रात को भिगोकर रख दीजिए। अगली शाम को इनको पानी से छानकर पीस लीजिए और पानी में मिलाकर एक घोल बना लीजिए, इस घोल को पीजिए। पथरी निकल जाएगी।
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तीन हल्की कच्ची भिंड़ी को पतली-पतली लम्बी-लम्बी काट लें। कांच के बर्तन में दो लीटर पानी में कटी हुई भिंड़ी ड़ाल कर रात भर के लिए रख दें। सुबह भिंड़ी को उसी पानी में निचोड़ कर भिंड़ी को निकाल लें। ये सारा पानी दो घंटों के अन्दर-अन्दर पी लें। इससे किड़नी की पथरी से छुटकारा मिलता है।
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महर्षि सुश्रुत के अनुसार सात दिन तक गौदुग्ध के साथ गोक्षुर पंचांग का सेवन कराने में पथरी टूट-टूट कर शरीर से बाहर चली जाती है। मूत्र के साथ यदि रक्त स्राव भी होतो गोक्षुर चूर्ण को दूध में उबाल कर मिश्री के साथ पिलाते हैं ।
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पतंजलि का दिव्य वृक्कदोष हर क्वाथ १० ग्राम ले कर डेढ़ ग्लास पानी में उबाले .चौथाई शेष रह जाने पर सुबह खाली पेट और दोपहर के भोजन के ५-६ घंटे बाद ले .इसके साथ अश्मरिहर रस के सेवन से लाभ होगा . जिन्हें बार बार पथरी बनाने की प्रवृत्ति है उन्हें यह कुछ समय तक लेना चाहये।
इन घरेलू उपायों से अपने-आप निकल जाएगी किडनी की पथरी
किडनी में स्टोन होना एक आम समस्या है, यूरीन में कई रासायनिक तत्व मौजूद होते हैं, यूरिक एसिड, फॉस्फोरस, कैल्शियम और ऑक्जेलिक एसिड। यही सारे रासायनिक तत्व स्टोन बनाने के लिए उत्तरदायी होते हैं।
इसके साथ ही बहुत अधिक मात्रा में विटामिन डी के सेवन से, शरीर में लवणों के असंतुलन से, डीहाइड्रेशन से और अनियमित डाइट की वजह से भी किडनी में स्टोन हो जाता है।
किडनी में स्टोन हो जाने की वजह से पेट में हर वक्त दर्द बना रहता है, इसके अलावा बार-बार यूरीन डिस्चार्ज करना, शौच के दौरान दर्द होना, बहुत ज्यादा पसीना आना और उल्टी होना इसके लक्षण हैं।
हालांकि इसके उपचार के लिए कई तरह की दवाइयां बाजार में उपलब्ध हैं और ऑपरेशन से भी इसका इलाज संभव है लेकिन आप इन घरेलू उपायों को अपनाकर भी किडनी के स्टोन से राहत पा सकते हैं।
घरेलू उपायों के साथ ही ये बेहद जरूरी है कि आप नियमित रूप से 10 गिलास पानी का सेवन करें, स्टोन होने की हालत में कम पानी पीना दर्द और तकलीफ की वजह बन सकता है।
1. लेमन जूस और ऑलिव ऑयल
बरसों से लेमन जूस और ऑलिव ऑयल को मिलाकर उसका सेवन गॉलब्लेडर के स्टोन के लिए किया जाता रहा है लेकिन किडनी के स्टोन में भी ये काफी कारगर है, नींबू के रस में मौजूद सिट्रिक एसिड कैल्शियम बेस वाले स्टोन को तोड़ने का काम करता है और दोबारा बनने से भी रोकता है, इस मिश्रण को बनाने के लिए नींबू के रस और ऑलिव ऑयल को बराबर मात्रा में लेकर मिला लें और दिन में दो से तीन बार इसका सेवन करें।
2. अनार
अनार का जूस और उसके बीज दोनों में ही एस्ट्रीजेंट गुण होता है जो कि किडनी के स्टोन के इलाज में मददगार है, यदि आपकी किडनी में स्टोन है तो प्रतिदिन एक अनार खाना या फिर उसका जूस पीना फायदेमंद हो सकता है, इसके अलावा अनार को फ्रूट-सलाद में भी मिलाकर खाया जा सकता है।
3. तरबूज
मैग्निशियम, फॉस्फेट्स, कार्बोनेट और कैल्शियम से बने किडनी स्टोन के इलाज के लिए तरबूज एक बहुत अच्छा और कारगर उपाय है, तरबूज में पर्याप्त मात्रा में पोटैशियम मौजूद होता है जोकि स्वस्थ किडनी के लिए एक प्रमुख तत्व है, पोटैशियम यूरीन में एसिड लेवल को मेंटेन रखने में मदद करता है, पोटैशियम के साथ ही पानी भी भरपूर होता है जोकि स्टोन को नेचुरल तरीके से शरीर से बाहर निकाल देता है।
4. राजमा
राजमा में भरपूर फाइबर होता है, इसे किडनी बीन्स के नाम से भी जाना जाता है। किडनी बीन्स किडनी और ब्लेडर से जुड़ी हर किस्म की समस्या से राहत दिलाने में कारगर होती है, इसे बनाने से पूर्व जिस पानी में भिगोया जाता है उसे पीने से भी फायदा मिलता है।
5. व्हीट ग्रास
व्हीट ग्रास को पानी में उबालकर ठंडा कर लें। इसके नियमित सेवन से किडनी के स्टोन और किडनी से जुड़ी दूसरी बीमारियों में काफी आराम मिलता है । इसमे कुछ मात्रा में नींबू का रस मिलाकर पीना और बहतर हो सकता है।
6. कुलथी
कुलथी की दाल का सूप पीने से पथरी निकलने के प्रमाण मिले है। २० ग्राम कुलथी दो कप पानी में उबालकर काढा बनालें। सुबह के वक्त और रात को सोने से पहिले पीयें।एक-दो सप्ताह में गुर्दे तथा मूत्राशय की पथरी गल कर बिना ऑपरेशन के बाहर आ जाती है, लगातार सेवन करते रहना राहत देता है।
कुल्थी का पानी विधिवत लेने से गुर्दे और मूत्रशय की पथरी निकल जाती है और नयी पथरी बनना भी रुक जाता है। किसी साफ सूखे, मुलायम कपड़े से कुल्थी के दानों को साफ कर लें। किसी पॉलीथिन की थैली में डाल कर किसी टिन में या कांच के मर्तबान में सुरक्षित रख लें।
कुल्थी का पानी बनाने की विधि
किसी कांच के गिलास में 250 ग्राम पानी में 20 ग्राम कुल्थी डाल कर ढक कर रात भर भीगने दें। प्रात: इस पानी को अच्छी तरह मिला कर खाली पेट पी लें। फिर उतना ही नया पानी उसी कुल्थी के गिलास में और डाल दें, जिसे दोपहर में पी लें। दोपहर में कुल्थी का पानी पीने के बाद पुन: उतना ही नया पानी शाम को पीने के लिए डाल दें।
इस प्रकार रात में भिगोई गई कुल्थी का पानी अगले दिन तीन बार सुबह, दोपहर, शाम पीने के बाद उन कुल्थी के दानों को फेंक दें और अगले दिन यही प्रक्रिया अपनाएं। महीने भर इस तरह पानी पीने से गुर्दे और मूत्राशय की पथरी धीरे-धीरे गल कर निकल जाती है।