इंसान के जल जाने पर कौन सी देसी दवा जल्दी असर करती हैं

Jal Jane Par Kya Kare
Jal Jane Par Kya Kare

जल जाने पर क्या करें

अपने देश में जल जाने पर क्या करना चाहिए क्यूकी एम्बुलेंस आने में कितना समय लगेगा ये बता पाना मुश्किल है और एम्बुलेंस आने में कम से कम आधा घंटा लगता है और जलने की पीड़ा असहनीय होती है।

व्यक्ति के जलने को तीन भागों में विभाजित किया गया हैं:-

  1. प्रथम श्रेणी का जलना:- जब शरीर का कोई हिस्सा कम जलता है तो इसे फर्स्ट डिग्री बर्न (प्रथम श्रेणी का जलना) कहते हैं। फर्स्ट डिग्री बर्न में चिकित्सीय उपचार की तब तक कोई खास जरूरत नहीं होती जब तक कि जलने का असर ऊतकों पर न पड़ा हो।
  2. द्वितीय श्रेणी का जलना:- इसमें जले हुए भाग में सूजन और लालिमा आ जाती है। अगर घाव तीन इंच से बड़ा हो या त्वचा की अंदरूनी परत तक हो तो डॉक्टर से अवश्य परामर्श करना चाहिए।
  3. तृतीय श्रेणी का जलना:- इसमें त्वचा की तीनों परतों पर जलने का असर होता है। इससे त्वचा सफेद या काली और सुन्न पड़ जाती है। जले हुए स्थान के हेयर फॉलिकल, स्वेट ग्लैंड और तंत्रिकाओं के सिरे नष्ट हो जाते हैं। इससे रक्त संचरण बाधित हो जाता है।

आग, तेल या अन्य किसी तरल पदार्थ से जलने पर असहनीय दर्द होता है। तेज जलन और दर्द के कारण घबराहट होने लगती है। ऐसे में तत्काल रूप से बरती जाने वाली सावधानियां और आवश्यक उपचार कर जलन से राहत पाई जा सकती है।

1. डाबर का पुदीन हरा

जी हाँ! चौंक तो गए होंगे आप पर यही सच है। ये दुनिआ की सबसे ताकवर दवा है जिससे बुरी तरह जले व्यक्ति की सारी जलन तुरंत ख़तम हो जाती है और फफोले भी नहीं पड़ते।

जलने के तुरंत बाद जले हुए अंग को बर्फीले ठन्डे पानी में पुदीन हरा मिला के उसमे डुबोये रखें कम से कम 3-4 घंटे या फिर जब तक ठंडक न पड़ जाये।

डाबर का पुदीन हरा
डाबर का पुदीन हरा

मेरी सहेली एक बार कंधे से कमर तक जल गयी थी की किचन में। उसकी मम्मी और भाई ने बाथरूम के टब में बर्फ ठंडा पानी मिलके पुदीन हरा की 5-6 शीशी डाल के उसको लिटा दिया था। सारी बॉडी बिना फफोलों के सही हो गयी थी।

पुदीन हरा की तासीर बहुत ही ज्यादा ठंडी होती है। ये स्किन को शरीर के मीट से अलग होके उसमे पानी भर के फफोला नहीं बनने देता।

2. एलोवेरा जेल या एंटीबायोटिक क्रीम

अगर आपके पास एलोवेरा जेल या एंटीबायोटिक क्रीम है तो उसे जले हुए भाग पर लगा सकते हैं। एलोवेरा घाव भरने के साथ ही त्वचा को ठंडक भी देता है। घाव के ऊपर ढीली पट्टी या न चिपकने वाली पट्टी बांध लें और हवा से दूर रखें ताकि दर्द कम हो। जख्म के थोड़ा सूखने पर सूखी पट्टी को ढीला करके बांधें, ताकि गंदगी और संक्रमण न फैले।  जलने के बाद संक्रमण फैलने की आशंका ज्यादा होती है।

3. कोलगेट

कोलगेट भी जलने पर इस्तेमाल में लाया जाने वाला सबसे आसान उपाय है, इसके इस्तेमाल से जले हुए स्थान पर फफोले नहीं पड़ते हैं और व्यक्ति को जलन से भी राहत मिलती है, अगर किसी व्यक्ति की स्किन जल जाए तो तुरंत कोलगेट को पूरे प्रभावित स्थान पर लगा लें, कोलगेट अंदर से ठंडक पहुंचाता है जिससे घाव और नहीं बढ़ता और फफोले भी नहीं पड़ते हैं।

4. ठंडा पानी

जले हुए स्थान को साफ और ठंडे पानी से धीरे-धीरे धोएं। सिल्वरेक्स या बरनाल लगाएं। प्राथमिक उपचार के तौर पर जले हुए अंग पर सोफरामाइसिन भी लगा सकते हैं। मरीज को जल्द से जल्द चिकित्सक को दिखाएं। चिकित्सक की सलाह के मुताबिक दवाओं का सेवन करें।

गंभीर स्थिति में जलने के लिए यह अस्थायी उपचार है ताकि एम्बुलेंस आने या फिर सही प्रोफेशनल इलाज़ मिलने तक जले हुए स्थान पर बहुत जलन न हो।

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