धातु के संक्षारण की रोकथाम की विभिन्न विधियाँ

Dhatu Ke Sanrakshan Ki Roktham
Dhatu Ke Sanrakshan Ki Roktham

धातु के संक्षारण की रोकथाम के लिए अपनाई जाने वाली विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। धातु के संक्षारण की रोकथाम की विभिन्न विधियाँ निम्न हैं –

पेंट का लेप चढ़ाकर

धातु की वस्तुओं की सतह पर पेंट लगाकर उसे क्षरण से बचाया जा सकता है। इसी कारण लोहे के फर्नीचर, लोहे के पुल, रेल के डिब्बे, बस, ट्रक आदि को पेंट किया जाता है।

ग्रीस या तेल लगाकर

नए औजारों जैसे – कैंची, चाकू, मशीन आदि पर ग्रीस या तेल लगाकर उन्हें क्षरण से बचाया जा सकता है।

गैल्वोनीकरण (धातु चढ़ाना)

लोहा को जंग से बचाने के लिए लोहे की चादर या अन्य पात्र को पिघले हुए जस्ते में डुबा देते हैं, जिसके कारण लोहे पर जस्ते की एक पतली परत जम जाती है। इस लोहे का उपयोग बाल्टी, टंकी आदि बनाने में किया जाता है।

इलेक्ट्रोप्लेटिंग (विद्युत लेपन)

कुछ धातु जैसे क्रोमियम, निकिल तथा टिन वायुमण्डल में उपस्थित ऑक्सीजन एवं नमी से प्रभावित नहीं होते हैं। लोहे का क्षरण रोकने के लिए उसके चारों ओर क्रोमियम या टिन की इलेक्ट्रोप्लेटिंग की जाती है। एल्युमिनियम को क्षरण से बचाने के लिए उसके ऊपर एल्युमिनियम ऑक्साइड का विद्युत लेपन कर दिया जाता है।

मिश्र धातु बनाकर

कभी-कभी एक धातु में दूसरी धातु या अधातु मिलाने पर वह अधिक कठोर, स्थायी तथा संक्षारण से सुरक्षित हो जाता है। स्टील, लोहा तथा कार्बन का मिश्रण मिश्र धातु है, जिसमें आसानी से जंग नहीं लगता है।

You May Also Like

Bhar Aur Dravyaman Mein Antar

भार और द्रव्यमान में क्या अंतर होता है? भार और द्रव्यमान में अंतर

Jyotish Aur Vigyan Mein Antar

ज्योतिष और विज्ञान में क्या अंतर है? ज्योतिष और विज्ञान में अंतर

Gyan Aur Vigyan Mein Antar

ज्ञान और विज्ञान में क्या अंतर है? जानें ज्ञान और विज्ञान में अंतर