ज्ञान और विज्ञान में अंतर
विज्ञान का अर्थ होता है ‘वस्तुओं की विभन्न प्रकार की जानकारी प्राप्त करना‘। यदि ज्ञान को समझें तो ज्ञान का अर्थ मानवीय मूल्यों के अनुरूप चिंतन करना और चरित्र के लिए स्थिर बनना है।
कहा जाता हैं कि मनुष्य जन्म से ही पशु प्रवृत्तियां परिपूर्ण होता हैं, लेकिन इन अवगुणों का नाश करके संस्कारी और आदर्शवादी बनाने की चिंतन प्रक्रिया को ही ज्ञान कहा गया है।
ज्ञान और विज्ञान की तुलना
अब अगर ज्ञान और विज्ञान की आपस में तुलना करें तो वह कुछ ऐसी होगी – “हाइड्रोजन के दो कण जब ऑक्सीजन के संपर्क में आते हैं तो पानी बनता है-यह विज्ञान है, लेकिन इस पानी से जीव-जंतुओं की प्यास बुझती है-यह ज्ञान है।”
ज्ञान का सामान्य बोलचाल की भाषा में अर्थ है- जानकारी, पर हर तरह की जानकारी ज्ञान नहीं मानी जाती। ज्ञान और विज्ञान के दर्शन पर आजकल अनेक सिद्धांत चल पड़े हैं, जो केवल यह परिभाषित करने का प्रयास करते हैं कि किस प्रकार की जानकारी ज्ञान के अंतर्गत आती है और किस प्रकार की जानकारी ज्ञान के दायरे से बाहर है।
ज्ञान के कुछ धुरंधर दार्शनिकों के नाम हैं- प्लेटो, रिचर्ड रोरटी, बर्टरैंड रसेल इत्यादि।
उसी प्रकार विज्ञान क्या है और क्या नहीं, इसे परिभाषित करने के लिये अनेक महापुरुषों ने अपना जीवन लगा दिया जिनमें से कुछ हैं- कोपरनिकस, कॉमटे, एमैनुअल कान्ट, कार्ल पॉपर और टॉमस कुह्न।