क्या हैं पर्यावरण की संस्थाएं एवं संगठन
पर्यावरणीय संगठन या संस्थाएं उन्हें कहते हैं जो पर्यावरण को किसी प्रकार के दुरुपयोग तथा अवक्रमण के खिलाफ सुरक्षित करता है साथ ही ये संगठन पर्यावरण की देखभाल तथा विश्लेषण भी करते हैं एवं इन लक्ष्यों को पाने के लिये प्रकोष्ठ भी बनाते हैं।
पर्यावरण की प्रमुख संस्थाएं एवं संगठन
विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों पर कार्य करने के लिये संयुक्त राष्ट्र द्वारा राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर, राष्ट्रीय सरकारों तथा सिविल सोसाइटी द्वारा कई पर्यावरण संबंधी संस्थाएँ एवं संगठन स्थापित किए गए हैं।
पर्यावरणीय संगठन सरकारी संगठन हो सकते हैं, गैर सरकारी संगठन हो सकते हैं या एक चैरिटी अथवा ट्रस्ट भी हो सकते हैं। पर्यावरणीय संगठन वैश्विक, राष्ट्रीय या स्थानीय हो सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरणीय एजेंसियां
यूनाइटेड नेशन्स पर्यावरण प्रोग्राम (UNEP), वर्ल्ड स्वास्थ्य संगठन (WHO) खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO)आदि कुछ मुख्य अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण एजेंसियां हैं।
- FAO (Food and Agriculture Organization) – 1945
- IUCN (International Union for Conservation of Nature) – 1948
- WHO (World Health Organization) – 1948
- WMO (World Meteorological Organization) – 1950
- WWF (World Wide Fund for the Nature) – 1961
- UNEP (United Nations Environment Programme) – 1972
- UNFCCC (United Nations Framework Convention on Climate Change) – 1992
राष्ट्रीय पर्यावरण एजेंसियां
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं वन्य जीवन के लिये भारतीय बोर्ड ही मुख्य राष्ट्रीय पर्यावरण एजेंसियां हैं।
- IBWL (Indian Board for Wildlife) – 1952
- CPCB (Central Pollution Control Board) – 1974
- MoEF (Ministry of Environment and Forest) – 1985
- IWDP (Integrated Watershed Development Programme) – 1989
1. संयुक्त राष्ट्र का खाद्य एवं कृषि संगठन – FAO
इसकी स्थापना 1945 में हुई थी। FAO (Food and Agriculture Organization) का मुख्यालय “रोम” में है एवं इसके 5 क्षेत्रीय कार्यालय हैं।
यह यूनाइटेड नेशन्स की एक विशिष्ट एजेंसी है जो भुखमरी को मिटाने के अन्तरराष्ट्रीय प्रयासों की अगुआई करती है। विकसित एवं विकासशील दोनों तरह के देशों की सेवा करते हुए FAO (Food and Agriculture Organization) एक निष्पक्ष फोरम के रूप में कार्य करता है जहाँ सभी देश समान रूप से मिलकर बहस की नीति तथा सहमतियों पर विचार करते हैं।
2. इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर – IUCN
इसकी स्थापना 5 अक्टूबर 1948 में हुई थी। IUCN (International Union for Conservation of Nature) का वर्तमान मुख्यालय स्विजरलैंड देश के ग्लैंड शहर (Gland, Switzerland) में स्थित है। अपने स्थापना दिनों से इस संस्था द्वारा जीवों का सामान्य संरक्षण किया जाता था।
IUCN विश्व का सबसे पुराना एवं सबसे बड़ा वैश्विक पर्यावरण नेटवर्क है। यह एक गणतांत्रिक सदस्य सभा है जिसमें 1000 से अधिक सरकारी और गैर सरकारी सदस्य संगठन हैं, एवं करीब 11,000 स्वयंसेवी वैज्ञानिक हैं जो 160 से अधिक देशों में रहते हैं।
1963 ई. से इस संस्था के द्वारा तीन प्रकार के पत्र जारी किये जाने प्रारम्भ किये गए-
- रेड डाटा सूची (Red Data List)
- पिंक डाटा सूची (Pink Data List)
- ग्रीन डाटा सूची (Green Data List)
रेड डाटा सूची
रेड डाटा सूची में प्रायः विलुप्त जीव, असुरक्षित जीवों आदि को रखा जाता है। संकटग्रस्त जातियों की IUCN लाल सूची; जिसे IUCN लाल सूची या रेड डाटा सूची (IUCN Red List) भी कहते हैं।
पिंक डाटा सूची
पिंक डाटा सूची में प्रायः आक्रामक संकटापन्न जीवों को रखा जाता है। अचानक विलुप्त होती प्रजातियों की IUCN पिंक सूची; जिसे IUCN पिंक सूची या गुलाबी डाटा सूची (IUCN Pink List) भी कहते हैं।
ग्रीन डाटा सूची
इसके अंतर्गत वे जीव शामिल किये जाते हैं, जो उपर्युक्त दोनों सूचियों से बाहर आये हुए होते हैं।
3. विश्व स्वास्थ्य संगठन – WHO
इसकी स्थापना 7 April 1948 में हुई थी। इसका मुख्यालय जेनेवा, स्विजरलैंड (Geneva, Switzerland) में स्थित है। इसका मुख्य कार्य है रोगों से लड़ाई, विशेषकर संक्रामक रोगों से, एवं विश्व के लोगों में सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ावा देना। WHO (World Health Organization) में 193 सदस्य देश हैं।
पर्यावरण और स्वास्थ्य का आपस में घनिष्ट संबंध है। 1992 का पर्यावरण एवं विकास पर की गई रियो घोषणा का नियम कहता है कि “सतत (दीर्घोपयोगी) विकास की चिंता के केंद्र में मानव जाति है। वे प्रकृति को संतुलन बनाए रखते हुए एक स्वस्थ्य तथा उत्पादकता पूर्ण जीवन के हकदार हैं।”
हेली (HELI)
पर्यावरण संबंधित स्वास्थ्य खतरों से निपटने के लिये WHO ने हेल्थ एनवायरनमेंट लिंक इनीशिएटिव (Health Environmental Link Initatiave, HELI) का विकास किया है। HELI, WHO एवं UNEP के द्वारा किया गया एक वैश्विक प्रयास है जो विकासशील देशों के नीतिकारों द्वारा स्वास्थ्य पर होने वाले पर्यावरणीय खतरों पर किए जाने वाले कार्यों का समर्थन करता है।
4. विश्व मौसम विज्ञान संगठन – WMO
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की स्थापना 23 मार्च 1950 ई. को किया गया था। इसी कारण प्रत्येक बर्ष 23 मार्च को “विश्व मौसम विज्ञान दिवस” मनाया जाता है। इसका (WMO – World Meteorological Organization) मुख्यालय स्विजरलैंड के जेनेवा शहर (Geneva, Switzerland) में स्थित है।
इस संस्था का मुख्य कार्य अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मौसम की दशाओं का अध्ययन करना और पूर्वानुमान लगाना है। इसके द्वारा मौसम से सम्बंधित आपदाओं के लिए चेतावनियां जारी करती है।
5. वन्य जीवों के लिये भारतीय बोर्ड – IBWL
इसकी स्थापना 1952 ई. में हुई थी। IBWL का पुनर्गठन 7 दिसम्बर, 2001 से प्रभावकारी हुआ। IBWL की 21वीं बैठक 21 जनवरी, 2002 को नई दिल्ली में हुई जिसमें भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने अध्यक्षता की थी। यह संस्था देश में वन्य जीव संरक्षण के क्षेत्र में कार्य करती है।
6. विश्व वन्य जीव कोष – WWF
वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर (WWF) एक अन्तरराष्ट्रीय NGO है। विश्व वन्य जीव कोष (WWF – World Wide Fund for the Nature) की स्थापना 1961 ई. में की गई थी। इसका मुख्यालय स्विजरलैंड के ग्लैंड शहर (Gland, Switzerland) में स्थित है।
WWF द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वन्यजीवों का सामान्य संरक्षण किया जाता है। इसके अतिरिक्त इस संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण से सम्बंधित आर्थिक व्यवस्था का संचालन किया जाता है।
7. संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम – UNEP
UNEP की स्थापना 1972 ई. में स्वीडन के स्टॉकहोम शहर में किया गया था। जिसका वर्तमान मुख्यालय केन्या के नैरोबी शहर में स्थित है।
UNEP (United Nations Environment Programme) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण व उसकी समस्त दशाओं का अध्ययन किया जाता है; और वार्षिक विवरण प्रस्तुत किया जाता है।
इसी संस्था के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पर्यावरण की संस्थाओं के मध्य समन्वय स्थापित किया जाता है।
8. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड – CPCB
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एक वैधानिक संगठन है जिसकी स्थापना 1974 में हुई थी। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इसका मुख्य कार्य है जल एवं वायु की गुणवत्ता को नियंत्रित करना, उन्हें नियमित करना तथा उनका रखरखाव करना।
9. पर्यावरण एवं वन मंत्रालय – MoEF
पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (Ministry of Environment and Forest) की स्थापना 1985 ई. में की गई थी। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (MoEF) देश में पर्यावरण एवं वन संबंधी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की योजना बनाने, उसका प्रचार करने, समन्वय करने के लिये केन्द्रीय सरकार के प्रशासनिक तंत्र में एक नोडल एजेंसी है।
MoEF का मुख्य कार्य भारत के वनस्पति तथा जीव जन्तुओं को संरक्षण एवं सर्वेक्षण, वनों एवं बीहड़ क्षेत्रों का सर्वेक्षण एवं संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण तथा निवारण, वनरोपण को बढ़ावा तथा भूमि अवक्रमण को कम करना सम्मिलित है। यह भारत के राष्ट्रीय उद्यानों (National Park) के प्रशासन के लिये भी जिम्मेदार है।
10. UNFCCC
जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन एक अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण संधि है, जो पृथ्वी सम्मेलन में 154 देशों द्वारा 1992 में हस्ताक्षरित की गई थी। तथा यह 21 मार्च 1994 को प्रभावी हुई थी। इसका मुख्यालय बोन, जर्मनी (Bonn, Germany) में है। इसका मुद्दा जलवायु परिवर्तन में सुधार करना था।
11. एकीकृत जलसंभर विकास कार्यक्रम – IWDP
IWDP का गठन 1989-90 में भूमि की उर्वरक क्षमता को जांचने के लिए किया गया था। IWDP (Integrated Watershed Development Programme) ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा चलाया जाने वाला कार्यक्रम है।
इसका उद्देश्य मृदा, वनस्पति, जल क्षेत्र जैसे प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण एवं संवर्धन करते हुए पारिस्थितिकी संतुलन बनाये रखना है।