
स्थानवाचक क्रियाविशेषण की परिभाषा
स्थानवाचक क्रिया विशेषण वे होते हैं जो क्रिया के होने वाली जगह का बोध कराते है। अर्थात जहां क्रिया हो रही है उस जगह का ज्ञान कराने वाले शब्द ही स्थान-वाचक क्रिया विशेषण कहलाते हैं।
उदाहरण
यहाँ, कहाँ, जहाँ, तहाँ, सामने, वहाँ, नीचे, ऊपर, भीतर, बाहर, दूर, पास, अंदर, आगे, दाएँ, बाएँ, दाहिने, किधर, इस ओर, उस ओर, इधर, उधर, जिधर, आदि स्थान वाचक क्रिया विशेषण के उदाहरण हैं।
कुछ स्थान वाचक क्रिया विशेषण एवं अर्थ
स्थानवाचक क्रियाविशेषण | अर्थ |
यत्र | यहां |
तत्र | वहाँ (there) |
कुत्र / क्व | कहाँ |
अत्र | यहाँ |
सर्वत्र | सब जगह |
अन्त: | भीतर |
बहि: | बाहर |
अंतरा | मध्य |
उच्चै | जोर से |
नीचै: / अध: | नीचे |
समया / निकषा / पार्श्वे |
नजदीक |
अन्यत्र | दूसरी जगह |
आरात् | पास या दूर (near or far) |
तत: | वहाँ से |
इतस्तत: | इधर – उधर |
अभित: | सामने |
अग्रे / पुरत: | आगे (In Front Of) |
परित: | चारो ओर |