श्याम नारायण पांडेय: उनकी प्रसिद्ध रचना “हल्दीघाटी“ में चेतक की वीरता और महाराणा प्रताप के संघर्ष का उल्लेख मिलता है। यह कविता मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के प्रिय और... Read More !
निपात-अवधारक (Nipat-Avdharak Ki Paribhasha) किसी भी बात पर अतिरिक्त भार देने के लिए जिन शब्दों का प्रयोग किया जाता है उसे निपात (अवधारक) कहते है। जैसे :- भी , तो... Read More !
संबंधबोधक : Sambandhbodhak Avyay ki Paribhasha संबंधबोधक अव्यय: वे शब्द जो संज्ञा/सर्वनाम को अन्य संज्ञा/सर्वनाम के साथ संबंध का बोध कराते है उसे संबंधबोधक अव्यय कहते है। ये संज्ञा या... Read More !
एकार्थक शब्द (Ekarthak Shabd) बहुत से शब्द ऐसे हैँ, जिनका अर्थ देखने और सुनने में एक-सा लगता है, परन्तु वे समानार्थी नहीं होते हैं। ध्यान से देखने पर पता चलता... Read More !
अनेकार्थक शब्द: Anekarthak Shabd in Hindi अनेकार्थक शब्द का अभिप्राय है, किसी शब्द के एक से अधिक अर्थ होना। बहुत से शब्द ऐसे हैं, जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं।... Read More !
शुद्ध-अशुद्ध शब्द (Shudh-Ashudh Shabd) हिन्दी में शुद्ध और अशुद्ध शब्दों का निर्धारण भाषा की वर्तनी, व्याकरण, और उच्चारण के नियमों पर आधारित होता है। वर्तनी किसे कहते हैं? वर्तनी: किसी शब्द... Read More !
Lokokti (Proverbs): लोकोक्ति की परिभाषा “लोक + उक्ति” शब्दों से मिलकर बना है जिसका अर्थ है- लोक में प्रचलित उक्ति या कथन। जब कोई पूरा कथन किसी प्रसंग विशेष में उद्धत... Read More !
सरस्वती देवी : Sarswati Devi सरस्वती का जन्म: भगवान विष्णु जी की आज्ञा से जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो पृथ्वी पूरी तरह से निर्जन थी व चारों... Read More !
“यङन्त धातु” वे धातु होते हैं जिनमें “यङ्” प्रत्यय जोड़कर “बार-बार करना” या “अधिक करने” का भाव प्रकट किया जाता है। यह प्रयोग संस्कृत व्याकरण में विशेष रूप से महत्वपूर्ण... Read More !
संस्कृत में उपसर्ग : Sanskrit Upsarg “उपस्रज्यन्ते धतुनाम् समीपे क्रियन्ते इत्युपसर्गा” अर्थात जो धातुओ के समीप रखे जाते है उपसर्ग कहलाते हैं। परंतु उपसर्गों से केवल क्रियाओ का ही निर्माण... Read More !