विद्युत अपघटन
इसे हम प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं जब किसी विद्युत अपघट्य के जलीय विलयन में से हम जब विद्युत धारा को प्रवाहित करते हैं तो उस विलयन में अनेक रासायनिक क्रियाऐं संपन्न होती हैं जिन्हें हम विद्युत अपघटन कहते हैं विद्युत अपघटन की क्रियाएं निम्न है जो गलित अवस्था में अलग होती है जबकि विलयन अवस्था में अलग होती है जैसे,
गलित अवस्था में :- जब नमक को अधिक तापमान पर गलाया जाता है फिर उसे एक पात्र में इकट्ठा कर लेते हैं और इस पात्र में एक इलेक्ट्रॉन और कैथोड लगा देते हैं जिससे इसमें यह क्रिया होती है इस अभिक्रिया में एनोड पर ऑक्सीकरण होता है यहां पर हमें क्लोरीन मिलती है जबकि कैथोड पर अब चैन की अभिक्रिया होती है यहां पर हमें सोडियम मिलता है
Nacl ↔ Na+ + cl–
यह गलित अवस्था मे नमक की टुटने की प्रवर्ति है जो Na+ मे तथा cl– मे टुट जाता है
नमक की ऐनॉड पर ऑक्सीकरण अभीक्रिया जबकि कैथोड पर अपचयन अभिक्रिया होती है जैसे,
ऐनॉड पर, Cl– → Cl +e– (ऑक्सीकरण अभिक्रिया)
Cl+Cl → Cl2͢
कैथोड पर, Na+ + e– → Na (अपचयन)
विलयन अवस्था में :- जब नमक को HOH विलयन के साथ मिलाकर एक विलयन मनाया जाता है इसमें एक एनोड और कैथोड की छड़ को डुबोया जाता है इस में एनोड पर हमें ऑक्सीकरण अभिक्रिया होती है एवं क्लोरीन गैस निकलती है जबकि कैथोड पर अपचयन अभिक्रिया होती है इसमें हाइड्रोजन गैस निकलती है एवं इस पुरी अभिक्रिया के उपरांत पात्र में NaOH रह जाता है
विलयन Nacl ↔ Na+ + cl–
HOH → H+ + OH–
ऐनॉड पर, Cl– → Cl + e– (ऑक्सीकरण अभिक्रिया)
Cl+Cl → Cl2 ↑
कैथोड पर, H+ +e– → H (अपचयन अभिक्रिया)
H + H → H2 ↑
Na+ + OH– → NaOH