ऐल्केनों के ताप अपघटन
वायु की अनुपस्थिति में उच्च ताप पर गर्म करने से कार्बनिक यौगिक का तापीय अपघटन (thermal decomposition) उनका ताप अपघटन (pyrolysis) कहलाता है।
उदाहरणार्थ-
उच्च ऐल्केनें वायु की अनुपस्थिति में, उच्च ताप (500-600°C) पर गर्म करने पर छोटे अणुओं में अपघटित हो जाती है। उच्च अणु भार को ऐल्केनों का लघु अणु भार के हाइड्रोकार्बनों में ताप अपघटन भंजन (cracking) कहलाता है। किसी ऐल्केन के भंजन से प्राप्त उत्पाद ऐल्केन की संरचना दाब, ताप, उत्प्रेरक की उपस्थिति आदि कारकों पर निर्भर करते हैं।