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विद्युत अपघटन के फैराडे के नियम को समझाइये

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विद्युत अपघटन के फैराडे के नियम 

फैराडे का प्रथम नियम ;- इस नियम के द्वारा में ज्ञात होता है कि जब किसी विद्युत अपघट्य पदार्थ से बने विलयन में हम जब विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तो इलेक्ट्रोड से जो पदार्थ मुक्त होता है उसकी मात्रा उस विलयन को दिए गए विद्युतीय आवेश के समानुपाती होती है इसे हम  w प्रतिक के द्वारा निरूपित करते हैं इसे हम निम्न समीकरण द्वारा दर्शाते हैं

 

w ∝ Q     [ w = पदार्थ कि मात्रा , Q  = विधुत आवेश ]

w=Z Q     [Z = विधुत रसायनिक तुल्यांक ]

w=Z I T      [ I = 1 amp  ,  T = 1 sec ]

w=Z                 [ Z= E/96500 ]       

विद्युत रासायनिक तुल्यांक :- इसे हमने न प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं जब किसी विद्युत अपघट्य से बने विलयन में से 1 एंपियर की विद्युत दाता धारा को 1 सेकंड तक प्रभावित करते हैं तो जिसके कारण से इलेक्ट्रोडों जो पदार्थ मुक्त होता है उसे ही हम विद्युत रासायनिक तुल्यांक कहते हैं इसे हम Z प्रतीक द्वारा निरूपित कर सकते हैं

फैराडे का द्वितीय नियम

 इसे भी हम निम्न प्रकार से परिभाषित कर सकते हैं जैसे यदि भिन्न भिन्न विद्युत अपघट्य के विलयन में समान आवेशों की जब विद्युत धारा को समान समय के लिए प्रवाहित करते हैं तो जिसके कारण से इलेक्ट्रोडों से जो पदार्थों की मात्रा मुक्त होती है वह रासायनिक तुल्यांकों के समान होती है।

पहले पदार्थ की मात्रा दुसरे पदार्थ की मात्रा

w1∝Q w2∝Q   

w1=E1 Q     w2=E2 Q  [E= रासायनिक तुल्यांक]

w1/E1 = Q w2/E2 = Q

w1=Z1 IT     w2=Z2 IT

दोनो समीकरण को आपस मे मिलाने पर

Z1 IT/E1 = Z2 IT/E2

Z1/Z2 =E1/E2

इसलिए हम कह सकते है कि विद्युत रासायनिक तुल्यांक तथा रासायनिक तुल्यांक आपस मे समानुपाती होते है अर्थात Z∝E |

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