बाल्यावस्था, जिसका समय विद्वानों ने 6 वर्ष से 12 वर्ष तक माना है, बालक के जीवन का अनोखा काल माना जाता है। बाल्यावस्था विकास का वह काल है जो शैशवीय विशेषताओं को पीछे छोड़ देता है और किशोरावस्था की विशेषताओं को प्रकट करने के लिये तैयार रहता है। इसमें बालक स्वयं को स्वतन्त्र एवं निश्चित व्यक्तित्व में ढालने लगता है।
बाल्यावस्था का आरंभ 6 वर्ष की आयु से होता है तथा वय:संधि के प्रारंभ अर्थात् 12 वर्ष तक चलता रहता है. बालक स्कूल में प्रवेश पा चुका रहता है.
२ से 6 वर्ष की आयु पूर्व बाल्यावस्था कहलाती है जिसमें बच्चे की आत्मनिर्भरता में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है. यह अवधि पाठशाला में प्रवेश की होती है.