जन्म के समय शिशु असहाय अवस्था में होता है। वह मानसिक क्षमता में भी पूर्ण अविकसित होता है। आयु की वृद्धि एवं विकास के साथ-साथ बालकों की मानसिक योग्यता में भी वृद्धि होती है। इस पर वंशानुक्रम एवं पर्यावरण दोनों का अत्यधिक प्रभाव पड़ता है।
जे. एस. रास (U.S. Ross) ने लिखा है- "हमारे मस्तिष्क का विकास, वंशानुक्रमीय प्रभावों के हस्तान्तरण एवं अर्जित प्रभावों के मिश्रण के परिणामस्वरूप, सम्पूर्ण रूप से संगठित होता है।" (Our mind grow as a result of the innate dispositions, acquired dispositions are formed and these in turn and welded into an organised whole.)
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