राजपूत कालीन सामाजिक व्यवस्था
ब्राहृमणों का समाज में उच्च स्थान था। राजपूत साहसी, स्वाभिमानी और आतिथ्य भाव वाले वीर योद्धा थे। धनी लोग कीमती वस्त्र-आभूषण पहनते थे। बालविवाह और सतीप्रथा का चलन हो गया था। विधवा-विवाह वर्जित था। स्त्रियों की स्थिति निम्न थी। वर्णव्यवस्था कठोर हो गई थी। लोगों का मानसिक दृष्टिकोण संकुचित हो चुका था।