कुषाण कालीन कला की विशेषता
कुषाण शासन का भारतीय शिल्प और कला पर काफी प्रभाव पड़ा। कुषाणकाल की कला के दो प्रमुख केन्द्र मथुरा और गान्धार थे। मथुरा में लाल बलुआ पत्थर और गान्धार में लाल स्लेटी पत्थर की मूर्तियाँ गढ़ी जाती थीं। मथुरा की मूर्तियों में यूनानी शैली थी और उनमें भारतीय भाव और विचारों को ध्यान में रखा गया, जबकि गान्धार शैली में मूर्तियों के कपड़ों में चुन्नटें और बालों का मुँघरालापन प्रदर्शित किया जाता था। कुषाण राजाओं ने सबसे ज्यादा स्वर्ण मुद्राएँ जारी कीं। उनकी स्वर्ण मुद्राएँ धातु की शुद्धता में गुप्त शासकों की स्वर्ण मुद्राओं से बेहतर थीं।