आज कुमार विशु एक सफल गायक है। कभी वह बिल्कुल बच्चा था। तब उसके कितने ही साथियों, मित्रों, अध्यापकों और प्रशंसकों ने उसके बल को बढ़ाया। वे उसकी प्रतिभा पर मुग्ध थे। इसलिए सभी उसे आगे बढ़ाने की कोशिश किया करते थे। उसका एक मित्र उसके लिए अच्छे-अच्छे गीत और गज़लें लिखा करता था। दूसरा उसे बड़े-बड़े कार्यक्रमों में ले जाता था। कोई ऐसा भी था, जो अपना काम छोड़कर उसके साथ कार्यक्रमों में जाता था तथा उसकी हर सुविधा का ध्यान रखता था। उसके चारों ओर प्रशंसा का वातावरण बनाकर रखता था। इन सबसे उसे मानसिक बल मिला। यदि ये सब सहयोगी उसे बल देने की बजाय चुप रह जाते या रोड़े अटकाते तो वह निराश होकर न जाने कहीं भटक या अटक जाता। अतः किसी भी प्रसिद्ध कलाकार के महत्त्व के पंछे उसके सहायकों का भरपूर योगदान होता है।