साधू शब्द के रूप साधू शब्द (तपस्वी): उकारांत पुल्लिंग संज्ञा, सभी उकारांत पुल्लिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है जैसे – गुरु, रिपु, पशु, विभु, भानु, बंधु, शिशु, शम्भु,... Read More !
सर्वाधिक प्रसिद्ध व लोकप्रिय कबीर के दोहे इस प्रष्ठ मे सम्मिलित किए गए हैं। हम कबीर के अधिक से अधिक दोहों को संकलित करने हेतु प्रयासरत हैं। चाह मिटी, चिंता... Read More !
सनन्त प्रकरण (Desiderative Verbs) सनन्त प्रकरण को इच्छासूचक क्रिया के रूप में जाना जाता है। इच्छा के अर्थ में धातु के आगे “सन् ” प्रत्यय लगता है। इस प्रत्यय का अंत... Read More !
उभ शब्द रूप उभ शब्द (बीच में, मध्य): उभ शब्द के अकारांत शब्द के शब्द रूप, उभ शब्द के अंत में “अ” की मात्रा का प्रयोग हुआ इसलिए यह अकारांत... Read More !
प्रार्थना एक धार्मिक क्रिया है, जो ब्रह्माण्ड के किसी महान शक्ति से सम्बन्ध जोड़ने की कोशिश करती है। प्रार्थना व्यक्तिगत हो सकती है और सामूहिक भी। इसमें शब्दों मंत्र, गीत... Read More !
प्रबंधन के क्षेत्र, श्रेणियाँ और कार्यान्वयन प्रबंधन का उद्देश्य: प्रबंधन का मुख्य उद्देश्य उपलब्ध संसाधनों का दक्षता (efficiency) और प्रभावशीलता (effectiveness) के साथ उपयोग करते हुए कार्यों में समन्वय बनाना है,... Read More !
प्रार्थना – तू ही राम है तू रहीम है “प्रार्थना – तू ही राम है तू रहीम है” तू ही राम है तू रहीम है , तू करीम, कृष्ण, खुदा... Read More !
जीवन परिचय : वयोवृद्ध डॉ विश्वेश्वरैया (Sir M. Visvesvaraya) विश्वेश्वरैया का जन्म मैसूर (कर्नाटक) के कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर तालुक में 15 सितंबर 1861 को एक तेलुगु परिवार में हुआ... Read More !
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द को एकार्थी शब्द भी कहा जाता है। हिन्दी भाषा में ऐसे कई शब्द होते हैं, जो पूरे वाक्य या वाक्यांश को संक्षेप में व्यक्त... Read More !
रामधारी सिंह दिनकर की वीर रस की कविता रामधारी सिंह दिनकर (23 सितंबर 1908 – 24 अप्रैल 1974) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि, निबंधकार और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्हें “राष्ट्रकवि” के... Read More !