तद् स्त्रीलिंग शब्द के रूप तद् स्त्रीलिंग शब्द (That, वह): तद् (वह) स्त्रीलिंग सर्वनाम, यदादि – यद्, तद्, एतद्, किम् – इन शब्दों का क्रमशः य: , स: , एष:... Read More !
ब्राह्मण शब्द रूप ब्राह्मण शब्द: अकारांत पुल्लिंग संज्ञा, ब्रह्मन् (ब्रह्मा) शब्द नकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञा शब्द है। सभी नकारान्त पुल्लिङ्ग् संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनते हैं, जैसे- आत्मन्, अर्यमन्, अर्वन्,... Read More !
शूद्र शब्द के रूप शूद्र शब्द: अकारांत पुल्लिंग संज्ञा, सभी पुल्लिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनाते है जैसे- देव, बालक, राम, वृक्ष, भक्त, ब्राह्मण, लोक, वानर, शिष्य, गज, दिवस,... Read More !
छात्र शब्द के रूप छात्र शब्द: अकारांत पुल्लिंग संज्ञा, सभी पुल्लिंग संज्ञाओ के रूप इसी प्रकार बनाते है जैसे- देव, बालक, राम, गज, वृक्ष, सुर, मानव, अश्व, दिवस, ब्राह्मण, छात्र,... Read More !
नदी शब्द के रूप नदी शब्द: ईकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञा, सभी ईकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है। नदी के रूप – Nadi Shabd Roop in Sanskrit विभक्ति एकवचन... Read More !
श्री शब्द के रूप श्री शब्द (लक्ष्मी, शोभा, the goddess of wealth, beauty): ईकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञा, सभी ईकारान्त स्त्रील्लिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है। श्री के रूप :... Read More !
फल शब्द के रूप फल शब्द (Fruit): अकारान्त नपुंसकलिंग , सभी अकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों के रूप इसी प्रकार बनाते है। फल के रूप – Fal Shabd Roop in Sanskrit विभक्ति... Read More !
कालवाचक क्रियाविशेषण की परिभाषा कालवाचक क्रियाविशेषण वे शब्द होते हैं जो हमें क्रिया के होने वाले समय का बोध कराते हैं, वह शब्द कालवाचक क्रियाविशेषण कहलाते हैं। यानी जब क्रिया... Read More !
तीनों लिंगों में, सभी विभक्तियों और सभी वचनों में जो समान ही रहता है, रूप में परिवर्तन नहीं होता, वह अव्यय होता है। अव्ययः (पुं) – अव्ययं (न) : (न... Read More !
विश्वपा शब्द के रूप विश्वपा शब्द (विश्व के रक्षक): आकारांत पुल्लिंग संज्ञा, सभी आकारांत पुल्लिंग संज्ञापदों के रूप इसी प्रकार बनाते है जैसे – गोपा (गाय के रक्षक), शंखध्मा(शंख वादक),... Read More !