in Biology
edited
जैविक आवर्धन पर टिप्पणी लिखिए।

1 Answer

0 votes

edited

जैविक आवर्धन

अनेक प्रकार के कीटनाशक पदार्थ (pesticides), खरपतवारनाशी (weedicides) व अन्य क्लोरीनयुक्त पदार्थ ऐसे पदार्थ हैं जिनका जीवधारियों द्वारा बहुत कम विघटन होता है, अर्थात् ये अक्षयकारी (non-biodegradable) होते हैं। इनका उपयोग कृषि की उपज बढ़ाने के लिए किया जाता है। ये पदार्थ खाद्य श्रृंखला के द्वारा पौधों व जन्तुओं के शरीर में जाते हैं और वहीं पर संचित होते रहते हैं। इनकी सान्द्रता प्रत्येक ट्रॉफिक स्तर पर बढ़ती जाती है और उच्च उपभोक्ता में अधिकतम हो जाती है। इस क्रिया को जैविक आवर्धन (biological magnification or biological amplification) कहते हैं।

DDT तथा BHC आदि कीटनाशक पदार्थ वसा में घुलनशील होते हैं। अतः ये मनुष्यों व जन्तुओं के वसा ऊतक (adipose tissue) में संचित हो जाते हैं। श्वसन क्रिया में वसा के ऑक्सीकरण के समय ये पदार्थ रुधिर वाहिनियों में प्रवेश करके विषैला प्रभाव दिखाते हैं और इससे कैन्सर तक हो जाता है। इसी को देखते हुए कृषि में DDT के प्रयोग पर प्रतिबन्ध है, परन्तु इसका उपयोग मलेरिँया नियन्त्रण में किया जाता है।

Related questions

Category

Follow Us

Stay updated via social channels

Twitter Facebook Instagram Pinterest LinkedIn
...