1. लम्बाई व भार - 6 वर्ष से 12 वर्ष की आयु तक चलने वालीबाल्यावस्था में शरीर की लम्बाई लगभग 5 से.मी. से 7 सेमीण् प्रतिवर्ष कीगति से बढ़ती है। बाल्यावस्था के प्रारम्भ में जहाँ बालकों की लम्बाईबालिकाओं की लम्बाई से लगभग एक से.मी अधिक होती है वहीं इसअवधि की समाप्ति पर बालिकाओं की औसत लम्बाई बालकों की औसतलम्बाई से लगभग 1 सेमीण् अधिक हो जाती है।
बाल्यावस्था में बालक तथा बालिकाओं की औैसत लम्बाई (से.मी.)
आयु |
6 वर्ष |
7 वर्ष |
8 वर्ष |
9 वर्ष |
10 वर्ष |
11 वर्ष |
12 वर्ष |
बालक |
108-5 |
113-9 |
119-3 |
123-7 |
128-4 |
133-4 |
138-3 |
बालिका |
107-4 |
112-8 |
118-2 |
122-9 |
128-4 |
133-6 |
139-2 |
बाल्यावस्था के दौरान बालकों के भार में काफी वृद्धि होती है। 9-10 वर्षकी आयु तक बालकों का भार बालिकाओं के भार से अधिक होता है।
2. सिर तथ मस्तिष्क - बाल्यावस्था मे सिर के आकार मे क्रमश: परिवतर्नहोता रहता है, परन्तु शरीर के अन्य अंगों की तुलना में यह भी अपेक्षाकृतबड़ा होता है। बाल्यावस्था में मस्तिष्क आकार तथा भार दोनों ही दृष्टिसे लगभग पूर्णरूपेण विकसित हो जाता है।
3. दातं - लगभग 5-6 वर्ष की आयु में स्थायी दाँत निकलने प्रारम्भ होजाते है। 16 वर्ष की आयु तक लगभग सभी स्थायी दाँत निकल आतेहै। स्थायी दाँतों की संख्या लगभग 28-32 होती है।
4. हड्डियाँ- बाल्यावस्था मे हडिड्यो की सख्ंया तथा उनकी दढृत़ा दोनोमें ही वृद्धि होती है। इस अवस्था में हड्डियों की संख्या 270 से बढ़करलगभग 320 हो जाती है। इस अवस्था के दौरान हड्डियों का दृढीकरण अथवा अस्थिकरण तेजी से होता है।
5. माँसपेशियाँ - बाल्यावस्था मे माँसपेिशयो का धीरे- धीरे विकास होताजाता है। इस अवस्था में बालक माँसपेशियों पर पूर्ण नियंत्रण करनेलगता है।
6. शरीर के आकार मे भिन्नता - बालक जसै - जसै बडा़ होता जाता हैउसमें शारीरिक भिन्नता अधिक स्पष्ट होने लगती है। चेहरा, धड़, भुजाएंया टागें आदि में पहलेसे भिन्नता परिलक्षित होने लगती है।
7. आन्तरिक अवयव - शरीर के आन्तरिक अवयवों का विकास भी अनकेरूपों में होता है यह विकास रक्त संचार, पाचन संस्थान तथा श्वसनप्रणाली में होता है