शाब्दिक संप्रेषण
शाब्दिक संप्रेषण में सदैव भाषा का प्रयोग किया जाता हैं। शाब्दिक संप्रेषण दो प्रकार का होता है।
मौखिक संप्रेषण
लिखित संप्रेषण
मौखिक संप्रेषण — मौखिक संप्रेषण एक ऐसा संप्रेषण होता है जिसमें हम मौखिक रूप से सूचनाओं का आदान प्रदान करते हैं।इस बीच में संदेश भेजने वाला वह संदेश ग्रहण करने वाला दोनों ही आमने-सामने होते हैं। इसमें टेलीफोन टीवी आदि के द्वारा पाठ के साक्षात्कार पर चर्चा, परीचर्चा कहानी आदि के माध्यम से विचारों की अभिव्यक्ति की जाती है।यह अनौपचारिक होता है।
लिखित संप्रेषण -— लिखित संप्रेषण में व्यक्ति लिख संदेश भेजता है।संदेश भेजने वाला तथा प्राप्त करने वाला दोनों के पास लिखित रूप में रहता है।और खर्च भी कम होता है।लिखित सम्प्रेषण में पत्र व्यवहार, बुलेटिन , गृह पत्रिकाएं,प्रतिवेदन आते हैं।
अशाब्दिक संप्रेषण
अशाब्दिक सम्प्रेषण के अंतर्गत वाणी से ,आंखों से किया जाता है।इसके अंतर्गत निम्नलिखित सम्प्रेषण आते है।
वाणी या ध्वनि संकेत संप्रेषण — इसमें विचारों भावनाओं की अभिव्यक्ति छोटे-छोटे समूह में आमने सामन रहकर वाणी द्वारा रखी जाती है। जैसे कि वार्ता के बीच मे हा, हा या हू, मुह से सिटी बजाना आदि।
स्पर्श करके — स्पर्श के माध्यम से व्यक्ति अपनी भावनाओं एवं विचारों को अभिव्यक्त करने में सफल हो जाता है।हाथ मिलते हैं तो पता चल जाता है।कि दोस्ती का हाथ है या दुश्मनी का मायके स्पर्श का हाथ प्यार कर धोतक होता है।