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Soni in Pedagogy
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Explain the importance of mass media in public communication by clarifying the types of communication. सम्प्रेषण के प्रकारों को स्पष्ट करते हुए लोक सम्प्रेषण में जनसंचार माध्यमों का महत्त्व स्पष्ट कीजिये, sampreshan ke prakaaron ko spasht karate hue lok sampreshan mein janasanchaar maadhyamon ka mahattv spasht keejiye.

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Aritra
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सम्प्रेषण के प्रकार

सम्प्रेषण की उपयोगिता को देखते हुए सम्प्रेषण को दो भागों में बाँटा गया है-

  1. शैक्षिक सम्प्रेषण (Educational communication)।

  2. लोक सम्प्रेषण (Public communication)।

लोक सम्प्रेषण में जनसंचार माध्यम

लोक सम्प्रेषण में सूचना, विचार, अवकाश के सदुपयोग हेतु मनोरंजक गतिविधियों का सम्प्रेषण, संचार माध्यमों द्वारा जन-जन तक किया जा सकता है।

लोक सम्प्रेषण में रेडियो, टी. वी., समाचार पत्र, पत्रिकाओं, पुस्तकों, वीडियो फिल्म तथा विज्ञापन बोर्डों का प्रयोग किया जाता है जो सन्देश को जन-जन तक पहुँचाने में सहायक होते हैं।

गर्वनर (1976) के अनुसार- "Public communication refers to all impersonal means of communication by which visual and/or auditory messages are transmitted directly to public."

राष्ट्र विकास व राष्ट्र निर्माण में लोक सम्प्रेषण का बहुत बड़ा हाथ होता है। लोक सम्प्रेषण में जन संचार माध्यम (Mass media) का प्रयोग होता है।

डॉ. गुप्ता (1993) के अनुसार-"जन संचार माध्यम ऐसे संचार यन्त्र हैं जिनके द्वारा एक ही समाचार को एक बड़े जनमानस (Public), जो बहुत दूर-दूर तक रहते हैं, तक एक ही समय में एक साथ एवं आसानी से पहुँचाया जा सकता है। ये जनसंचार माध्यम शिक्षण में छात्रों को प्रेरणा देने के लिये, उनकी धारिता शक्ति (Retention power) में वृद्धि के लिये, शिक्षण उद्देश्यों को प्रस्तुत करने के लिये, कक्षा शिक्षण में बने प्रत्ययों को पुनर्वलित करने के लिये, सूचनाओं को समय के अनुसार संगठित करने के लिये तथा शिक्षण को अधिक रोचक, स्पष्ट एवं सार्वभौमिक बनाने के लिये अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हुए हैं।"

डायट (Diet), एस. सी. ई. आर. टी. (S.C. E.R.T.) तथा विभिन्न शैक्षिक राज्य संस्थान, जनसंचार माध्यमों का उपयोग करके, जनसंख्या शिक्षा, पर्यावरण शिक्षा, जन शिक्षा, पारिवारिक शिक्षा, जीवन जीने की शिक्षा (Living life education), जीवन पर्यन्त शिक्षा (Lifelong education), स्वास्थ्य (Health), पोषण, कृषि शिक्षण तथा शिक्षार्थी (Student) के लिये आज कार्यरत है।

एस.सी.ई.आर.टी., यू.जी.सी., इन्दिरा गाँधी ओपन यूनिवर्सिटी (IGNOU) आदि टी. वी. के माध्यम से शैक्षिक कार्यक्रम छात्रों के लिये तैयार करते हैं और प्रसारित करते हैं। ये कार्यक्रम विशेष रूप से शैक्षिक वर्ग के लिये ही बनाये जाते हैं।

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