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Soni in Pedagogy
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Describe the objectives and principles of communication. सम्प्रेषण के उद्देश्यों तथा सिद्धान्तों का वर्णन कीजिये, sampreshan ke uddeshyon tatha siddhaanton ka varnan keejiye.

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Aritra
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सम्प्रेषण का उद्देश्य

सम्प्रेषण मनुष्य की सबसे बड़ी आवश्यकता है। यदि मनुष्य अपने विचारों, भावनाओं, उद्वेगों और अर्न्तद्वन्द्वों को प्रकाशित न कर सके तो वह मानसिक सन्तुलन खो बैठता है। अतः सम्प्रेषण मानसिक सन्तुलन और शान्ति के लिये भी आवश्यक है। सम्प्रेषण के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-

  1. सम्प्रेषण का उद्देश्य है भावों के आदान-प्रदान द्वारा उत्तेजित भावनाओं को शान्त कर समाज में शान्ति और सन्तुलन बनाये रखना। ऐसे ही समाज में संगठन और ताकत होती है जिसके सदस्य अपने भावों का आपस में आदान प्रदान करते रहते हैं।

  2. जो व्यक्ति निर्भीक होकर अपनी सम्मति अथवा विचार प्रकट कर सकता है, जो अपनी भावनाओं को दूसरों के समक्ष प्रकट कर उन्हें अपने वश में कर लेता है। लाखों की भीड़ ऐसे कुशल वक्ता की बात एकाग्रचित्त होकर सुनती है और उससे प्रभावित होती है।

सम्प्रेषण व्यक्ति की प्रधान आवश्यकता है और शिक्षा ऐसी सोद्देश्य क्रिया है जिसके द्वारा शिक्षक और विद्यार्थियों की आवश्यकताओं की सन्तुष्टि की जाती है। इसलिये शिक्षक को विद्यालय में छात्रों के समक्ष भाव प्रकाशन के सभी सम्भव साधन प्रस्तुत कर उनके व्यक्तित्व का विकास करना चाहिये।

सम्प्रेषण के सिद्धांत

1. स्पष्टता का सिद्धांत (Principle of Clarity)

संप्रेषण करते समय हमारी भाषा बिल्कुल साफ होने चाहिए। क्योंकि अगर भाषा स्पष्ट नहीं होगी तो प्राप्त करता उसका गलत अर्थ समझ बैठेंगे। इसलिए हमारी भाषा स्पष्ट होने चाहिए।

2. समन्वय का सिद्धांत (Principle of Coordination)

प्रभावी संप्रेषण तभी हो सकता है जब संदेशों के बीच में समन्वय स्थापित हो। क्योंकि बिना समन्वय के पहले वाले संदेश का अर्थ नहीं निकल पाएगा। जब हम बातचीत करते तो समन्वय होना बहुत जरूरी है।

3. संगतता का सिद्धांत (Principle of Consistency)

जब आप बातचीत करते हैं तो संदेशों के बीच में विरोधात्मक प्रवृत्ति ना हो अर्थात दोनों संदेश एक दूसरे के विपरीत ना हो। सूचनाएं उपक्रम की नीतियों, योजनाओं तथा उद्देश्यों के अनुरूप ही होनी चाहिए।

4. विशिष्टता का सिद्धांत (Principle of Courtesy)

संप्रेषण में सूचनाएं शिष्ट एवं शालीन होनी चाहिए। संप्रेषण के दौरान कठोर शब्द, अपशब्द और गाली-गलोच शब्द आदि प्रयुक्त नहीं करनी चाहिए।

5. ध्यान आकर्षण का सिद्धांत (Principle of Attention)

संदेश देते समय ध्यान रखना आवश्यक है क्योंकि अगर भेजने वाले का ध्यान नहीं है तो वह गलत संदेश भी भेज सकता है। अतः सदेश देते समय ध्यान आवश्यक है।

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