सृजनात्मक बालक में निम्न विशेषताएँ पायी जाती हैं-
1. प्रखर बुद्धि
सृजनात्मक योग्यता वाले बालकों की बुद्धि प्रखर होती है। वह किसी भी चीज को अन्य बालकों की अपेक्षा शीघ्रता से सीख लेते हैं, जबकि अन्य बालक उसी चीज को अधिक समय में सीख पाते हैं। कक्षा-कक्ष में भी सृजनात्मक बालक अपनी पठन-सामग्री को अन्य बालकों की अपेक्षा शीघ्रता से अंगीकृत कर लेते हैं।
2. विचारों की स्वतन्त्रता
सृजनात्मक योग्यता वाले बालकों में विचारों की स्वतन्त्रता पायी जाती है। वे अपने किसी भी कार्य को पूरा करने के लिये स्वयं ही निर्णय लेना पसन्द करते हैं। उन्हें अपने कार्यों में किसी का हस्तक्षेप पसन्द नहीं आता।
3. कार्यों में स्वतन्त्रता
सृजनात्मक योग्यता वाले बालक किसी भी कार्यको स्वतन्त्रतापूर्वक पूरा करना चाहते हैं। वे नियन्त्रित परिस्थितियों में कार्य करना पसन्द नहीं करते हैं।
4. आत्म-प्रकाशन
सृजनात्मक बालकों में आत्म-प्रकाशन की भावना पायी जाती है। वे अपने कार्यों द्वारा अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हैं।
5. सैद्धान्तिक आदर्श
सृजनात्मक बालक सैद्धान्तिक रूप से आदर्शवादी होते हैं। वे अपनी परिस्थितियों को भली प्रकार समझते हैं तथा सूझ के द्वारा किसी भी परिस्थिति में निर्णय ले सकते हैं। वे सैद्धान्तिक रूप से आदर्शवादी स्वभाव के होते हैं।
6. सौन्दर्यात्मक आदर्श
सृजनात्मक योग्यता वाले व्यक्तियों में सौन्दर्यात्मक आदर्श पाया जाता है। उनमें प्राकृतिक रूप से सौन्दर्यानुभूति की भावना होती है।
7. वास्तविक ज्ञान तक पहुँचने की योग्यता
सृजनात्मक बालकों में अपने कार्य के प्रति असीम लगन पायी जाती है, वे त्रुटियाँ करते हुए एवं उनसे कुछ न कुछ सीखते हुए वास्तविक ज्ञान तक पहुँच जाते हैं।
8. कार्यों में अपेक्षाकृत अधिक निष्पादन
सृजनात्मक योग्यता वाले बालकों के कार्यों में अपेक्षाकृत अधिक निष्पादन होता है।