ऊर्जा के व्यंजक में प्रत्येक द्विघाती पद अणु द्वारा ऊर्जा अवशोषित करने का एक ढंग बताता है। हम जानतें हैं कि परम ताप T पर तापीय साम्यावस्था में स्थानांतरीय गति के प्रत्येक ढंग के लिए औसत ऊर्जा - kBT है। सर्वप्रथम मैक्सवेल द्वारा सिद्ध किए गए चिर प्रतिष्ठित सांख्यिकीय यांत्रिकी के सर्वाधिक परिष्कृत सिद्धांत के अनुसार ऊर्जा के विभाजन के प्रत्येक ढंग में ऐसा ही होता है चाहे ऊर्जा स्थानांतरीय हो, घूर्णी हो या कंपन ऊर्जा हो। अर्थात् तापीय साम्य में, ऊर्जा समान रूप से सभी संभव ऊर्जा रूपों पर बंटित होती है और प्रत्येक रूप में औसत ऊर्जा - kBT पाई जाती है। यही ऊर्जा का समविभाजन नियम है। तदनुसार, किसी अणु की स्थानांतरीय एवं घूर्णी स्वातंत्र्य कोटियों में प्रत्येक - kBT ऊर्जा का योगदान देती है जबकि प्रत्येक कंपन आवृत्ति 2 - kBT = kBT ऊर्जा का योगदान देती है, क्योंकि, कंपन रूप में गतिज और स्थितिज दोनों प्रकार की ऊर्जाओं का योगदान होता है।