न्यूटन का सार्वत्रिक गुरुत्वाकर्षण नियम-इस नियम के अनुसार किन्हीं दो द्रव्य-कणों के. बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल कणों के द्रव्यमानों के गुणनफल के अनुक्रमानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। बल की दिशा दोनों कणों को मिलाने वाली रेखा के साथ होती है।
अतः “गुरुत्वाकर्षण नियतांक उस पारस्परिक आकर्षण बल के बराबर होता है जो एकांक दूरी पर रखे एकांक द्रव्यमान के दो द्रव्य-कणों के बीच कार्य करता है तथा जिसकी दिशा कणों को मिलाने वाली रेखा के अनुदिश होती है।”