गति का तीसरा नियम या क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम
प्रत्येक क्रिया (Action) की उसके बराबर तथा उसके विरुद्ध दिशा में प्रतिक्रिया (Reaction) होती है. इस नियम को क्रिया-प्रतिक्रिया (Law of action and reaction) का नियम कहा जाता है. इसे ऐसे भी समझा जा सकता है: हम जिस वस्तु को जितने बल से खींचते हैं, वह वस्तु भी हमें उतने ही बल से अपनी ओर खींचती है, फर्क है केवल दिशा में.
उदाहरण
बन्दुक से गोली छोड़ते समय पीछे की और झटका लगना. रॉकेट का आगे बढ़ना आदि. जितनी जोर से हम गेंद को पटकते हैं उतना ही ऊपर यह उछलता है. वस्तु को खींचना, जमीन पर पैर पटकना, गेंद को जमीन पर गिराना आदि क्रियाएँ हैं. वस्तु का विपरीत दिशा में खींचना, पैर में चोट लगना तथा गेंद का ऊपर दिशा में जाना आदि प्रतिक्रियाएँ हैं.
न्यूटन के तीनों नियमों (Three laws of Newton) का साधारण प्रमाण नहीं दिया जा सका है. परन्तु इसके आधार पर की गई गणनाएँ प्रायः ठीक निकली हैं. अतः इन नियमों को स्वयंसिद्ध (Axiom) भी कहा जाता है.