राचीन मेसोपोटामिया नगर दो नदियों दजला-फरात, जिनका स्त्रोत एशिया माइनर में स्थित पर्वत है, तथा जो दक्षिण – पूर्व दिशा में बहती हुई फरात की खाङी में गिरती हैं, की घाटी के बीच स्थित है। इस घाटी के उत्तर में काला-सागर एवं कैस्पियन सागर हैं। दक्षिण में फारस की खाङी के पार हिन्द महासागर है। इसके दक्षिण-पूर्व में अरब भूखंड है, जो पश्चिम में लाल सागर तथा दक्षिण में हिन्द महासागर तक फैला हुआ था। आज जहां इराक और सीरिया जैसे देश स्थित हैं, उसी धरती पर कभी मेसोपोटामिया सभ्यता(Mesopotamian Civilization) हुआ करती थी। यह प्राचीन सभ्यता उत्तरी असीरिया और दक्षिणी बेबीलोनिया में विभाजित थी। फिर इसे निचले स्तर पर भी कई प्रांतों में बाँटा गया था।
मेसोपोटामिया प्राचीन सभ्यता से जुङा एक महत्त्वपूर्ण इलाका है।
यह एक कांस्ययुगीन सभ्यता थी। मेसोपोटामिया के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि था। मेसोपोटामिया का यूनानी अर्थ है, दो नदियों के बीच।
मेसोपोटामिया सभ्यता के तीन प्रमुख केन्द्र थे
- सुमेरिया
- बेबीलोनिया
- असीरिया