दजला-फरात मेसोपोटामिया सभ्यता को परिभाषित करने वाली दो नदियों का समुच्चय है। विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं में से एक मेसोपोटामिया सभ्यता इन्हीं दो नदियों की घाटियों में पनपी थी। दजला मेसोपोटामिया की पूर्वी और फरात पश्चिमी ओर से बहने वाली नदी थी। मेसोपोटामिया वर्तमान में इराक में स्थित है। इन दोनों नदियों में बाढ आ जाया करती थी। जिसके कारण इन नदियों के किनारे पर मिट्टी और गाद जमा हो जाती थी। इससे यहां की मिट्टी उपजाऊ बन जाती थी। इससे यहां के लोग खेती का कार्य करते थे, तथा उनको उपज भी अत्यधिक मिलती थी। इसी बढोतरी से यहां लोहार, कुम्हार, मिस्त्री, बुनकर और बुनाईकार जैसे अनेक दस्तकार थे।ये लोग अनेक वस्तुयें बनाते थे, तथा बेचते थे। और अपने रोजमर्रा के जीवन को चलाते थे। यहां के लोग अन्य देशों से जमीन व पानी दोनों मार्गों से व्यापार करते थे।
आधुनिक समय में इस घाटी की एक ओर सीरिया और अरब सागर के मरुद्यान हैं तथा दूसरी ओर आर्मीनिया की उच्च भूमि। इस प्रदेश को बाइबिल पूर्वार्द्ध (ओल्ड टेस्टामेंट) में गार्डन ऑफ इडेन भी कहा गया है।
इन नदियों के मुहाने पर सुमेरिया बीच में बेबीलोनिया तथा उत्तर में असीरिया सभ्यता का विकास हुआ इन सभ्यताओं के विषय में यह कहावत प्रचालित है सुमेरिया ने सभ्यता को जन्म दिया बेबीलोनिया ने उसे उत्पत्ति के चरम शिखर तक पहुँचाया और असीरिया ने उसे आत्मसात किया दूसरे शब्दों में सुमेरिया, बेबीलोनिया और असीरिया इन तीनो सभ्यताओ के सम्मिलित से जो सभ्यता विकसित हुई उसे मेसोपोटामिया की सभ्यता(Mesopotamian Civilization)कहा गया।