मेसोपोटामिया के लोगों के आर्थिक जीवन की प्रमुख विशेषताएँ
1. कृषि
मेसोपोटामिया के लोगों का आर्थिक जीवन संतोषप्रद था। यहाँ की भूमि बहुत उपजाऊ थी, इसलिए यहाँ के लोगों का प्रमुख व्यवसाय कृषि था। गेहूँ, जौ और मक्का की खेती अधिक की जाती थी। नहरों और नदियों से सिंचाई की जाती थी तथा फल और सब्जियों का उत्पादन भी पर्याप्त मात्रा में होताथा।
2.पशुपालन
मेसोपोटामिया में लोगों का दूसरा प्रमुख व्यवसाय पशुपालन था। ये लोग विभिन्न प्रकार के पशु पालते थे। पशुओं से इन्हें उपयोगी सामग्री प्राप्त होती थी। बैल रथ खींचते थे और भेड़ों से ऊन प्राप्त की जाती थी।
3.उद्योग-धंधे एवं व्यापार
मेसोपोटामिया के दस्तकार लोग लकड़ी, धातु, हाथीदाँत तथा मिट्टी की अनेक कलात्मक वस्तुएँ बनाते थे। इनका भारत व चीन के साथ घनिष्ठ व्यापारिक संबंध था।
मेसोपोटामिया के लोग देश-विदेश से व्यापार करते थे। सम्भवतः इस युग में सिक्कों का प्रचलन नहीं था। चॉदी या सोने के टुकड़े; सिक्कों के स्थान पर प्रयोग में लाए जाते थे। जल तथा थल दोनों मार्गों का व्यापार हेतु प्रयोग किया जाता था। उस समय बेबीलोन पश्चिमी देशों का एक प्रसिद्ध व्यापारिक केंद्र था। मेसोपोटामिया के निवासियों ने पहिये का आविष्कार करके रथों व गाड़ियों का निर्माण किया, जो व्यापार में विशेष सहायक सिद्ध हुए थे। यहाँ के लोगों ने लेन-देन व व्यापार के लिए सिक्के बनाए और नाप-तोल के लिए अनेक प्रकार के बाटों का आविष्कार किया।