हथौडे़ को वजन के आधार पर निम्न प्रकार वर्गीकृत (classification) किया गया है-
- हस्त हैमर
- जम्बूर हैमर
- मृदु हैमर
- स्लेज हैमर
- शक्ति हैमर
(1.) हस्त हथौड़ा
सामान्यतः हल्के प्रकार के कार्यों के लिए हस्त हथौड़ा का प्रयोग किया जाता है। इनका वज़न 0.125किग्रा से 1.5किग्रा तक होता है। वजन के अनुसार उसमें हत्थे को फिट किया जाता है, जिसकी लंबाई 25सेमी से 35सेमी तक रखी जाती है।
क्योंकि चोट मारने के लिए पीन तथा फेस का प्रयोग (use) किया जाता है, इसलिए इन दोनों को हार्ड तथा टेंपर किया जाता है। पीन तथा फेस के बीच के भाग को पोस्ट (post) कहते हैं, जिसे नर्म रखा जाता है, जिससे कि हैमर टूटे नहीं। हस्त हथौड़़ा को पीन के आकार के आधार पर निम्न प्रकार वर्गीकृत किया गया है-
(a.)बॉल पीन हथौड़ा
इस हैमर का पीन, बॉल (ball) के समान गोल होता है, जबकि फेस दूसरे हैमर के समान चपटा (flate) ही होता है। इसका प्रयोग मार्किंग करने, चिपिंग करने, हल्की चोट मारने आदि कामों के लिए होता है। बॉल पीन (ball pein) का विशेष उपयोग रिवेटिंग करने में किया जाता है। बॉल पीन द्वारा गोल चोट पड़ने से रिवेट की टेल चारों ओर आसानी से फैल जाती है।
(b.)क्रॉस पीन हथौड़ा
इस हैमर का फेस चपटा होता है, परन्तु पीन उल्टे ‘वी’ के समान होता है। पीन की अक्ष हैण्डिल से 90°पर होती है। इसके क्रॉस (cross) होने के कारण ही इसे क्रॉस पीन हैमर (cross pein hammer) कहा जाता है। यह धातु को एक दिशा मे फैलाने या शीट के किनारे मोड़ने के लिए प्रयोग में लाया जाता है।
(c.) स्ट्रेट पीन हथौड़ा
इस हैमर का फेस चपटा तथा पीन का आकार उल्टे ‘वी’ के समान होता है। स्ट्रेट पीन हैमर (straight pein hammer) में पीन की अक्ष हैण्डिल के समान्तर (सीध में) होती है, इसलिए इसे स्ट्रेट पीन हैमर (straight pein hammer) कहते हैं। इसे भी धातु को साइडों (sides) में फैलाने तथा सीधे कॉर्नर में चोट लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
(d.) डबल फेस हथौड़ा
इस हैमर में दोनों सिरों पर फेस (face) होता है। इसे दोनों ओर से चोट मारने के लिए प्रयोग किया जा सकता है। रिवेटिंग में बड़े रिवेट के कप टूल के ऊपर चोट मारने के लिए इसका प्रयोग (use) किया जाता है।
(2.) जम्बूर हथौड़ा
यह बढ़ई (carpenter) द्वारा प्रयोग किया जाने वाला हथौड़ा है। इसमें एक ओर चपटा फेस तथा दूसरी ओर कील के हैड को फँसाने के लिए झिर्री काट कर एक चिमटा बनाया जाता है, जिसे जम्बूर (claw) कहते है। इसमें पीन नहीं होता है।
(3.)मृदु हथौड़ा
जब हमें कार्यखण्ड पर ऐसी चोट मारनी हो कि उसकी सतह (surface) पर निशान न आए तो हमें मृदु हथौड़ा प्रयोग करना चाहिए। मृदु हथौड़ा (हैमर) धक्का सहन कर लेते हैं, क्योंकि यह कार्यखण्ड (जॉब) की धातु से अधिक कठोर (hard) नहीं होते हैं। लकड़ी, ताँबा, प्लॉस्टिक, नायलॉन, कच्चा चमड़ा या कठोर रबड़ आदि से मृदु हैमर बनाये जाते हैं। इनका प्रयोग बियरिंग (bearing) को चढ़ाने या उतारने में, तैयार माल की असेंबली करने में या इसी प्रकार के अन्य कामों में होता है। यह निम्नलिखित प्रकार के होते हैं-
(a.) कच्चे चमड़े का हथौड़ा
इसे स्टील द्वारा डबल फेस हैमर के समान बनाया जाता है। इसके बाद दोनों सतहों पर कच्चे चमड़े (raw hide) के टुकड़ो को लगा दिया जाता है। चमड़े लगी हुई सतहों के कारण इस हैमर (hammer) के प्रहार से निशान नहीं बनते।
(b.)मैलेट
लकडी द्वारा बने हैमर को मैलेट (mallet) कहते हैं। इनका प्रयोग अधिकतर धातु चादर (sheet metal) कार्यों के लिए होता है। यह शीशम, इमली, कीकर, टीक या कोई अन्य कठोर लकड़ी को इसे बनाने में प्रयोग किया जाता है।
(c.) नायलॉन हथौड़ा
यह एक चिम्मड़ (नर्म) पेट्रोलियम पदार्थ है, जो काफी धक्का सहन करने की क्षमता (power) रखता है। एक लोहे के हैमर में दोनों तरफ नायलॉन (nylon) के पैड कस दिए जाते हैं। इस हैमर से चोट मारने पर निशान नहीं पड़ता। इसका उपयोग अच्छे टूल रूम, एरोनॉटिक शॉप (aeronautic shop) आदि में किया जाता है।
(d.) प्लास्टिक हथौड़ा
यह भी नायलॉन हैमर (nylon hammer) के समान लोहे की बॉडी का बना होता है तथा दोनों सिरों पर प्लॉस्टिक के पैड फिट कर दिए जाते हैं, जिससे कार्यखण्ड (job) की सतह पर निशान नही पड़ता। हल्की चोट मारने के लिए इस हैमर (hammer) का प्रयोग किया जाता है।
(4.)स्लेज हथौड़ा
यह हैमर भारी कामों के लिए प्रयोग किए जाते हैं। इनका प्रयोग अधिकतर शीट मैटल शॉप (sheet metal shop) में धातु को पीटने या फोर्ज करने जैसे कामों में किया जाता है। भारी चोट मारकर डाई द्वारा फ्लैट, एंगिल आदि को काटने में भी इसका प्रयोग किया जाता है। इनका भार 2 kg से 10kg तक होता है तथा भार (weight) के अनुसार ही इनके हैण्डिल की लम्बाई 600 से 900 मिमी तक होती है।
(5.)शक्ति हथौड़ा
यह हैमर भारी व बड़ी जॉबों को फोर्ज करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह बिजली की मोटर electric motor) द्वारा चलाया जाता है। यह अधिक मात्रा में उत्पादन (mass production) के लिए प्रयोग किया जाता है।
हथौड़े के प्रयोग में सावधानियाँ
- कार्य करने से पहले यह चैक कर लेना चाहिये कि हैमर के फेस या हैंडल पर तेल (oil) या ग्रीस (grees) न लगी हो।
- बिना वैज (wedge) लगे हैमर का प्रयोग नहीं करना चाहिये।
- टूटे हुए हैंडल या फैले हुए फेस वाले हैमर (hammer) का प्रयोग नहीं करना चाहिये।
- कार्य करते समय हैमर को उसके हैंडल (handle) के सिरे से लगभग 15 से 30 मिमी. छोड़कर पकड़ना चाहिये।
- हैमर से चोट लगाते समय प्रायः चोट लगाने वाले स्थान को देखना चाहिये न कि हैमर (hammer) की ओर ।