सहजीवन
यह दो भिन्न प्रजाति के जीवों के बीच पाया जाने वाला सहजीवी (Symbiotic) सम्बन्ध होता है। जिसमें दोनों जीवों को परस्पर लाभ (benefit) होता है। कवक और प्रकाश संश्लेषी शैवाल या सायनोबैक्टीरिया के बीच घनिष्ठ सहोपकारी सम्बन्ध का उदाहरण लाइकेन में देखा जा सकता है। इसी प्रकार कवकों और उच्चकोटि पादपों की जड़ों के बीच कवकमूल (माइकोराइजी) साहचर्य है। कवक, मृदा से अत्यावश्यक पोषक तत्त्वों के अवशोषण में पादपों की सहायता करते हैं जबकि बदले में पादप, कवकों को ऊर्जा-उत्पादी काबोहाइड्रेट देते हैं।