सहभोजिता
यह दो जीवों के बीच परस्पर सम्बन्ध है जिसमें एक जीव को लाभ होता है और दूसरे जीव को न हानि न लाभ होता है। आम की शाखा पर अधिपादप के रूप में उगने वाला ऑर्किड और हेल की पीठ को आवास बनाने वाले बार्नेकल को लाभ होता है जबकि आम के पेड़ और ह्वेल को उनसे कोई लाभ नहीं होता। पक्षी बगुला और चारण पशु निकट साहचर्य में रहते हैं। सहभोजिता का यह उत्कृष्ट उदाहरण है। जहाँ पशु चरते हैं उसके पास ही बगुले भोजन प्राप्ति के लिए रहते हैं क्योंकि जब पशु चलते हैं तो वनस्पति को हिलाते हैं और उसमें से कीट बाहर निकलते हैं। बगुले उन कीटों को खाते हैं अन्यथा वानस्पतिक कीटों को ढूंढ़ना और पकड़ना बगुले के लिए कठिन होता। सहभोजिता का दूसरा उदाहरण समुद्री ऐनिमोन दंशन स्पर्शक हैं, जिसमें उनके बीच क्लाउन मछली रहती है। मछलियों को परभक्षियों से सुरक्षा मिलती है जो दंशन स्पर्शकों से दूर रहते हैं। क्लाउन मछली से ऐनिमोन को कोई लाभ मिलता हो ऐसा नहीं लगती।