आवर्ती गति
जब कोई बस्तु एक निश्चित पथ पर गतिमान हो तथा T एक निश्चित समय अंतराल के बाद बार-बार अपनी पूर्व गति को दोहराती है तो इस प्रकार की गति केा आवर्ती गति कहते है।
बस्तु के द्वारा लिया गया समय अंतराल जिसमें वह बस्तु अपनी पूर्व गति को दोहराती है उसे हम बस्तु का आवर्तकाल कहते है। इसे T से दर्शाते है ।
उदाहरण
- प्रथ्वी का सूर्य के चारो ओर परिक्रमा करने में 365.5दिन का समय लगता है तथा इतने समय अंतराल के बाद अपनी पूर्व गति को दोहराती है । अत: 365.5 दिन उसका आवर्तकाल है
- घडी की सुईयों की गति व घडी के पेण्डुलम की गति भी आवर्ती गति का उदाहरण है
- झूले में झूलना ओर अणुओं में परमाणुओं के कम्पन भी आवर्ती गति है
- ह्रदय का धडकना भी आवर्ती गति होती है
- आवर्ती गति में यह जरूरी नहीं है कि वस्तु केवल व्रत्ताकार मार्ग पर गति करें, आवर्ती गति में बस्तु का पथ व्रत्तीय ,सरल रेखीय या फिर वर्कीय भी हो सकता है