धात्विक चालकता को प्रभावित करने वाले कारक
धातु के तार की लंबाई :- इस स्थिति में पदार्थ का चालकत्व उसकी लंबाई पर निर्भर करता है। क्योंकि जितनी अधिक तार की लंबाई होगी उसमें इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह की दुरी अधिक हो जाएगी जिस कारण उसके चालकता का मान कम हो जाएगा जबकि जितनी कम पदार्थ की लंबाई होगी उतना ही तेज इलेक्ट्रॉनों का प्रवाह होगा जिससे उसकी चालकता बढ़ जाएगी। यह विद्युत प्रतिरोध के विपरीत कार्य करती है
धातु के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल :- यदि ऐसी स्थिति में हम यदि धातु का तार लेते हैं तो इस तार की चालकता उसके अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर निर्भर करती है अर्थात यदि तार का अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल कम होगा तो इसकी चालकता अधिक होगी जबकि अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल अधिक होगा तो इसकी चालकता कम होगी।
संक्षारण का प्रभाव :- यह स्थिति में यदि धातु के तार पर उपस्थित संक्षारण पर निर्भर करती है। यह चालकता को बहुत अधिक प्रभावित करता है अर्थात यदि धातु पर अधिक जंग लगी होगी तो उसमें चालकता कम होगी जबकि धातु पर कम जंग लगी होगी तो उसकी चालकता अधिक होगी।
तापमान का प्रभाव :- इस स्थिति में चालकता धातु के तापमान पर निर्भर करती है अर्थात यदि धातु का तापमान बढ़ा दिया जाए तो उस धातु की चालकता कम हो जाती है जबकि धातु का तापमान कम कर दिया जाए तो उस धातु की चालकता बढ़ जाती है। तापमान के कारण इसके रासायनिक गुणों पर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है।