जीवनी
जब कोई लेखक किसी व्यक्ति के जन्म से लेकर उसकी मृत्यु तक की प्रमुख घटनाओं को क्रमबद्ध रूप में इस प्रकार चित्रित करता है कि उसका सम्पूर्ण व्यक्तित्व स्पष्ट हो उठे तो ऐसी रचना को ‘जीवनी’ कहते हैं। जीवनी-साहित्य की विशेषताओं में लेखक की तटस्थता, यथार्थ चित्रण, घटनाक्रम की क्रमबद्धता तथा उसके नायक के जीवन की प्रमुख घटनाओं का प्रस्तुतीकरण निहित होता है। हिन्दी में जीवनी-साहित्य का प्रादुर्भाव भारतेन्दु युग से माना जाता है।